शरीफ ने दावा किया कि भारतीय हमले में 26 लोगों की मौत हुई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने मारे गए लोगों को ‘शहीद’ बताते हुए पाकिस्तान की जनता से एकजुट होने की अपील की। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आंतरिक जनभावनाओं को भड़काकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश का हिस्सा है।
“हर खून के कतरे का हिसाब लिया जाएगा” – शरीफ
शरीफ ने अपने संबोधन में कहा, "हिंदुस्तान ने जो गलती की है, उसे वह भूलेगा नहीं। हमने बीती रात ही करारा जवाब दिया है और हम हर खून के कतरे की कीमत वसूलेंगे।" उन्होंने पाकिस्तानी सेना को सलाम करते हुए उनके बलिदान पर गर्व जताया और दावा किया कि जवाबी हमले ने भारत को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है।
युद्ध से पीछे हटने का दिखावा या रणनीतिक मजबूरी?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी एक इंटरव्यू में स्थिति को लेकर चिंता जताई और कहा कि इस संघर्ष को पूर्ण युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने CNN के कार्यक्रम ‘कनेक्ट द वर्ल्ड’ में कहा, “हम इस टकराव को और नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन भारत की कार्रवाई बहुत आक्रामक रही है।”
हिंदुस्तान का संदेश स्पष्ट: आतंक को बर्दाश्त नहीं
हिंदुस्तानी सेना द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर देश में जबरदस्त समर्थन देखने को मिल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई मिसाइल स्ट्राइक्स को आतंकी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कदम माना जा रहा है। इस बीच, अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

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