कॉमरेड अतुल अनजान की पहली पुण्यतिथि पर सीपीआई ने दी श्रद्धांजलि, कहा – ‘वे पार्टी की बौद्धिक संपदा थे, जिसकी भरपाई दशकों तक नहीं हो सकती’
रांची। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव एवं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव रहे कॉमरेड अतुल कुमार अनजान की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को पार्टी के राज्य कार्यालय स्थित सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके संघर्षशील जीवन को याद किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीपीआई राज्य कार्यकारिणी के सदस्य एवं रांची जिला मंत्री अजय कुमार सिंह ने कहा, “कॉमरेड अतुल अनजान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बौद्धिक संपदा थे। उनकी विचारधारा, नेतृत्व क्षमता और संघर्षशील व्यक्तित्व की भरपाई आने वाले कई दशकों तक संभव नहीं है। वे पार्टी के वैचारिक स्तंभ थे और सामाजिक न्याय के सशक्त पैरोकार रहे।”
उन्होंने कहा कि कॉमरेड अतुल का संघर्ष उन्हें विरासत में मिला था। उनके पिता डॉ. ए.पी. सिंह स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी रहे, जिन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के आंदोलनों में भाग लिया और कई वर्षों तक जेल में भी रहे।
कॉमरेड अतुल ने मात्र 20 वर्ष की उम्र में नेशनल कॉलेज के प्रेसिडेंट के रूप में छात्र राजनीति में कदम रखा और 1960 के दशक में सीपीआई से जुड़कर एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने किसानों, मजदूरों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए अनेक संघर्ष किए। उत्तर प्रदेश में पीएसी विद्रोह जैसे आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए वे लगभग पांच वर्षों तक जेल में भी रहे।
उन्होंने स्वामीनाथन आयोग के क्रियान्वयन, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, मासिक पेंशन और ब्याजमुक्त ऋण जैसी मांगों को मजबूती से उठाया। झारखंड से उनका विशेष जुड़ाव था। वे कई बार राज्य के आंदोलनों, चुनावों और रैलियों में शामिल हुए। हाल ही में उन्होंने जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित एचईसी मुद्दे पर धरने में हिस्सा लिया और एचईसी को बचाने के लिए संघर्ष का आह्वान किया।
उन्होंने झारखंड में सीएनटी और एसपीटी एक्ट को पूरी तरह लागू करने और जबरन भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने की भी लगातार मांग की थी।
इस अवसर पर इम्तियाज अहमद खान, मनोज ठाकुर, श्यामल चक्रवर्ती, राजेश राय, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, महेन्द्र कुमार, सुनील कुमार, पी.के. गांगुली, संजीत, संतोष रजक, चंदन कुमार, राम सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित थे।

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