नई दिल्ली। पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए दो जासूसों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अमृतसर में की गई, जहां से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे दो आरोपियों को पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों की पहचान पलाक शेर मसीह और सुरज मसीह के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ये दोनों भारत की सैन्य छावनियों और एयरबेस से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेज रहे थे।
क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, इन दोनों आरोपियों ने भारतीय सेना की गतिविधियों, सैन्य ठिकानों और एयरबेस की तस्वीरें और संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को भेजीं। इन सूचनाओं का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता था। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से इन दोनों पर शक था, जिसके बाद एक संयुक्त अभियान के तहत इन्हें अमृतसर से गिरफ्तार किया गया।
आईएसआई से सीधा कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया है कि पलाक शेर मसीह और सुरज मसीह का सीधा संपर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से था। ये दोनों एजेंट वॉट्सएप, टेलीग्राम और अन्य एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए गोपनीय जानकारियां साझा कर रहे थे। पुलिस को इनके मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत मिले हैं।
जेल में बंद ‘हैप्पी’ से जुड़े तार
इस मामले की तह तक जाते हुए जांच एजेंसियों को इनका कनेक्शन हरप्रीत सिंह उर्फ़ पिट्टू उर्फ़ हैप्पी नामक व्यक्ति से मिला है, जो फिलहाल एक अन्य मामले में जेल में बंद है। माना जा रहा है कि हैप्पी ही इन दोनों को निर्देश देता था और आईएसआई के साथ इनका संपर्क स्थापित करने में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था।
आफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत केस
पुलिस ने दोनों आरोपियों पर आफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (Official Secrets Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन पर देश की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज और सूचनाएं विदेशी एजेंसी को भेजने का आरोप है, जो एक गंभीर अपराध है। मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों में अलर्ट
इस मामले के सामने आने के बाद से पंजाब समेत पूरे उत्तरी भारत में खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि यह जासूसी नेटवर्क केवल अमृतसर तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य शहरों तक फैला हुआ हो सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं: