— रिपोर्ट: PSA Live News, लोहरदगा ब्यूरो
लोहरदगा: जिले के लोहरदगा थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ठगी और धोखाधड़ी का नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें नौकरी और लोन दिलाने के नाम पर आम जनता से लाखों रुपये की ठगी की गई है। ये ठग खुद को सरकारी दफ्तरों और बैंकों से जुड़ा हुआ दिखाते हैं और लोगों के सपनों का फायदा उठाकर उन्हें आर्थिक रूप से लूट रहे हैं।
नौकरी का झांसा, खाली जेब और टूटी उम्मीदें
सूत्रों के अनुसार कुछ ठग समाहरणालय और कल्याण विभाग में नौकरी दिलाने का दावा करते हुए क्षेत्र के युवाओं से नकद पैसे वसूल रहे हैं। अब तक कई पीड़ित युवकों ने शिकायत की है कि उनसे प्रति व्यक्ति 20,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक की वसूली की गई, लेकिन नौकरी न तो मिली और न ही पैसे वापस हुए।
महिलाओं को बनाया गया आसान निशाना
इस संगठित ठगी के दूसरे पहलू में, ICICI बैंक से लोन दिलाने के नाम पर महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से भारी रकम ठगी गई है। एक महिला से 6 लाख, किसी से 2 लाख, किसी से 25,000, तो किसी से 8,000, 15,000 तक की रकम यह कहकर वसूली गई कि उन्हें सब्सिडी सहित लोन मिलेगा। लेकिन लोन न आया, और ठग गायब हो गए।
स्थानीय युवकों की संलिप्तता, पुलिस को लिखित शिकायत
इस पूरे मामले में लोहरदगा क्षेत्र के कई स्थानीय युवकों की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। लोहरदगा थाना को पीड़ितों द्वारा लिखित शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन पुलिस द्वारा अब तक केवल कोरम की कार्रवाई की गई है। न तो किसी की गिरफ्तारी हुई, न ही ठगी के मुख्य सूत्रधारों पर कोई दबाव बनाया गया।
प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रहा है अपराधियों का मनोबल
पीड़ितों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता और ढुलमुल रवैये के कारण ठगों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में डर का माहौल है और आशंका जताई जा रही है कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़ित महिलाएं और युवक स्वयं न्याय के लिए कानून को हाथ में लेने पर मजबूर हो सकते हैं।
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता?
लोहरदगा के सामाजिक कार्यकर्ता राजीव कच्छप ने कहा:
"यह ठगी सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक विश्वास पर हमला है। यदि पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो यह संकट कानून-व्यवस्था को चुनौती दे सकता है। प्रशासन को तत्काल SIT बनाकर कार्रवाई करनी चाहिए।"
मांगें और अगला कदम
- प्रभावित महिलाओं के बयान दर्ज किए जाएं।
- ठगी में संलिप्त सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी हो।
- लोहरदगा में विशेष आर्थिक अपराध इकाई की तैनाती हो।
- भविष्य में ऐसे मामलों से बचाव के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
लोहरदगा में यह मामला केवल एक स्थानीय ठगी का नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही से उपजे सिस्टम की कमजोरी का प्रतीक बनता जा रहा है। अगर अब भी पुलिस और प्रशासन नहीं चेते, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
(रिपोर्ट: PSA Live News, लोहरदगा ब्यूरो)

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