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नाबालिग दलित लड़की को धर्मांतरण और आतंकी साजिश में धकेलने की कोशिश नाकाम, केरल से सकुशल बरामद, दो गिरफ्तार

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) । उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए एक नाबालिग दलित लड़की को जबरन धर्म परिवर्तन और आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश को नाकाम कर दिया है। प्रयागराज के फूलपुर क्षेत्र से लापता हुई महज 15 वर्षीय मासूम लड़की को केरल से सकुशल बरामद कर लिया गया है। इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और गहन पूछताछ जारी है।

केरल में छिपाया गया था, कई और लड़कियां भी थीं मौजूद

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह पूरी साजिश धर्मांतरण, कट्टरपंथी सोच के प्रचार और संभावित आतंकी ट्रेनिंग से जुड़ी हुई प्रतीत होती है। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि उसे प्रयागराज से बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया और वहां एक ऐसे घर में रखा गया जहां कई और नाबालिग लड़कियां भी थीं।

वहां मौजूद कुछ "दाढ़ी वाले लोग" बार-बार इस्लाम कबूलने और जिहादी सोच को अपनाने का दबाव डालते रहे। पीड़िता ने बताया कि उससे कहा गया कि "सच्चे रास्ते" पर चलो, तुम्हें विशेष ताकत मिलेगी और अल्लाह का इनाम मिलेगा। वहीं जिहादी ट्रेनिंग और खास अभ्यास सत्रों की भी बातें की जा रही थीं।

जान बचाकर भागी नाबालिग, केरल पुलिस को दी जानकारी

कई दिनों तक डर के साए में रहने के बाद पीड़िता किसी तरह से वहां से भागने में सफल रही और सीधा केरल पुलिस के पास पहुंची। उसने पूरी घटना की जानकारी देते हुए अपनी जान को खतरा बताया।
केरल पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पीड़िता को सुरक्षित अपनी कस्टडी में लिया और तुरंत प्रयागराज पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की एक विशेष टीम ने उसे केरल से वापस लाकर प्रयागराज पहुंचाया।

मास्टरमाइंड है महिला दरकशा बानो

प्रयागराज पुलिस की जांच में सामने आया कि इस पूरे षड्यंत्र की मास्टरमाइंड एक महिला — दरकशा बानो है, जिसने सबसे पहले पीड़िता से दोस्ती की और सॉफ्ट ब्रेनवॉश की रणनीति अपनाते हुए उसे धीरे-धीरे धर्मांतरण के लिए तैयार किया।

इसके बाद अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उसे केरल भेजा गया, जहां यह तय किया गया था कि लड़की को "धार्मिक रूपांतरण के बाद जिहादी सोच और प्रशिक्षण के जरिए आगे किसी साजिश का हिस्सा बनाया जाएगा।"

गिरफ्तारियां और आगे की कार्रवाई

इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने दरकशा बानो समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से मोबाइल फोन, धार्मिक सामग्री, ट्रेन और हवाई टिकटों की जानकारी, और कुछ आपत्तिजनक डिजिटल चैट रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के तार कई अन्य राज्यों से जुड़े हो सकते हैं और एक अंतरराज्यीय धर्मांतरण-आतंकी नेटवर्क की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

पुलिस के अनुसार, मामले में पॉक्सो, अपहरण, धर्मांतरण विरोधी अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। आगे की पूछताछ में कई और खुलासे होने की उम्मीद है।

प्रशासन और समाज में मचा हड़कंप

इस घटना ने प्रशासनिक हलकों के साथ-साथ पूरे समाज में चिंता की लहर दौड़ा दी है। दलित समाज और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस साजिश की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह न सिर्फ नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ सुनियोजित हमला है।

इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धर्मांतरण और कट्टरपंथी साजिशों की जड़ें अब डिजिटल माध्यमों और सोशल नेटवर्किंग की मदद से नाबालिगों तक भी पहुंच रही हैं। प्रयागराज पुलिस और केरल पुलिस की साझा मुस्तैदी के कारण एक बड़ी आतंकी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया है। अब आवश्यकता है कि सरकार और समाज मिलकर ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की रणनीति अपनाएं ताकि देश के भविष्य — हमारे बच्चों — को किसी अंधेरे रास्ते पर न धकेला जा सके।

नाबालिग दलित लड़की को धर्मांतरण और आतंकी साजिश में धकेलने की कोशिश नाकाम, केरल से सकुशल बरामद, दो गिरफ्तार नाबालिग दलित लड़की को धर्मांतरण और आतंकी साजिश में धकेलने की कोशिश नाकाम, केरल से सकुशल बरामद, दो गिरफ्तार Reviewed by PSA Live News on 5:33:00 pm Rating: 5

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