गुरदारी माइंस क्षेत्र में सांसद सुखदेव भगत का ऐतिहासिक हस्तक्षेप, हिंडालको को चेतावनी: "मजदूरों व ज़मीन मालिकों का शोषण अब नहीं सहा जाएगा"
पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भूमि मुआवजा जैसे अहम मुद्दों पर ग्रामीणों को मिला सीधा मंच; सांसद ने दिलाई समाधान की गारंटी
गुमला/लोहरदगा, 31 मई — हिंडालको कंपनी द्वारा गुरदारी माइंस क्षेत्र में मजदूरों, भूमि मालिकों और ग्रामीणों के साथ लंबे समय से हो रहे शोषण और उपेक्षा के खिलाफ सांसद सुखदेव भगत ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए शुक्रवार को पंचायत भवन में समाधान शिविर सह जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन कराया। यह पहली बार हुआ जब किसी सांसद ने इस संवेदनशील क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए कंपनी प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावित ग्रामीणों को एक ही मंच पर आमने-सामने बैठाकर संवाद स्थापित किया।
समस्याओं का अम्बार, समाधान की पहल
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और खुलकर अपनी समस्याएं सामने रखीं। ज़मीन मालिकों ने कंपनी द्वारा भूमि समतलीकरण नहीं करने, ट्रक नंबर आवंटन से वंचित रहने, जबरन नौकरी से हटाए जाने, और बिना एग्रीमेंट पेपर दिए भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों को ₹80 प्रतिदिन मानदेय, स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, पेयजल संकट, वन भूमि पर अवैध उत्खनन, और स्थानीय लोगों को रोजगार न देने जैसे गंभीर मुद्दे भी उठाए गए।
सांसद की दो-टूक चेतावनी: "हिंडालको सुधरे, वरना कार्रवाई तय"
सांसद सुखदेव भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि हिंडालको कंपनी यदि निर्धारित समयसीमा में सभी समस्याओं का समाधान नहीं करती है तो उस पर सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "हमारे आदिवासी भाई-बहन सीधे-सादे और भोले होते हैं, जिनका लाभ उठाकर कंपनी मनमानी करती है। अब यह रवैया नहीं चलेगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि भूईहर जाति के लोगों को आदिवासी होने के बावजूद आज तक जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है, जिससे वे सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। उन्होंने अंचलाधिकारी को निर्देश दिए कि सभी भूईहर परिवारों की जांच कर उन्हें जाति प्रमाण पत्र तत्काल निर्गत किया जाए।
प्रशासन, कंपनी और जनप्रतिनिधि हुए एक मंच पर उपस्थित
इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन से वन विभाग, अनुमंडल पदाधिकारी, खनन पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, पशुपालन विभाग, बैंक अधिकारी, साथ ही हिंडालको के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सांसद ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यक्रम की सारी कार्यवाही की लिखित प्रोसीडिंग्स तैयार की जाए ताकि कंपनी बाद में किसी भी वादे से मुकर न सके।
सांसद ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बैंक से जुड़ी समस्याओं पर भी तत्परता से कार्य हो।
इंटक यूनियन की हुंकार: "अब अन्याय नहीं सहेंगे"
मौके पर इंटक यूनियन के अध्यक्ष आलोक कुमार साहू ने कहा कि गुरदारी माइंस क्षेत्र में अब यूनियन का गठन हो चुका है और अब मजदूरों के शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनियन मज़दूरों के हक़ और सम्मान के लिए लड़ाई लड़ेगी।
जनता ने सांसद को बताया उम्मीद की किरण
कार्यक्रम की शुरुआत में सांसद सुखदेव भगत का ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने खुलकर अपनी समस्याएं बताईं, जिनमें से कई मामलों में मौके पर ही समाधान भी किया गया। ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए सांसद के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वर्षों से जो समस्याएं अनसुनी रह गई थीं, आज उन्हें सुना गया है और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठे हैं।
प्रमुख उपस्थिति
कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अभिनव सिद्धार्थ, सांसद प्रतिनिधि राजनील तिग्गा, मजदूर नेता दीप दयाल सारस, अनिल असुर, पीटर बेंग, राजू उरांव, महात्मा उरांव, अरुण पांडे, कृष्णा लोहारा, सत्यजीत सिंह, शाहिद अहमद बेलू, पवन गौतम, अनवर अंसारी, कुणाल अभिषेक, गुड्डू शर्मा, मोती चौबे, रवि रोशन बेक, अनिल कुमार, फूलदेव उरांव, दयानंद उरांव, जय सिंह, सन्नी राम सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
संपादकीय टिप्पणी: गुरदारी माइंस क्षेत्र में सांसद सुखदेव भगत की यह पहल न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह कॉर्पोरेट कंपनियों के सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की वास्तविकता पर भी एक सवाल है। यदि हिंडालको जैसी बड़ी कंपनी को ज़मीन, श्रम और संसाधन इस क्षेत्र से मिलते हैं तो उसे यहां की जनता के लिए भी गंभीरता से सोचना होगा।

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