दुमका | प्रतिनिधि विशेष
झारखंड के दुमका जिले में बुधवार देर शाम एक मामूली विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया, जब नगर थाना क्षेत्र के केवटपाड़ा मोहल्ले में नाली के गंदे पानी को लेकर हुए झगड़े में एक युवक ने तलवार से हमला कर पड़ोसी महिला की निर्मम हत्या कर दी। हमलावर ने महिला के पति को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह वारदात न सिर्फ क्षेत्र में दहशत फैला गई, बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े कर गई है।
गली का पानी बहाने से मना किया तो उग्र हुआ युवक
मृतक महिला विमला देवी (50 वर्ष) के पति मनोज कुमार सिंह, एक शिक्षक हैं और केवटपाड़ा मोहल्ले में परिवार समेत रहते हैं। बुधवार की शाम, विमला देवी ने सामने रहने वाले पड़ोसी को गंदा पानी सड़क पर बहाने से रोका, जिससे दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई।
इसी दौरान पड़ोसी लालचंद साह का बेटा फूलचंद साह उर्फ छोटू (25 वर्ष) गुस्से में आग-बबूला हो गया। उसने अचानक अपने घर से तलवार निकाली और विमला देवी पर बेरहमी से वार करना शुरू कर दिया, जिससे उनका सिर धड़ से अलग हो गया। घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई।
पति को भी बनाया निशाना, हालत गंभीर
घटना के कुछ ही देर बाद विमला देवी के पति मनोज कुमार सिंह बाजार से लौटे और हमलावर को रोकने की कोशिश की। लेकिन आरोपी ने उन पर भी तलवार से हमला कर दिया, जिससे उनका हाथ बुरी तरह कट गया। उन्हें तुरंत इलाज के लिए फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया, जहाँ उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
खून से सनी तलवार लेकर खुद पहुंचा थाने
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं आरोपी छोटू तलवार सहित खुद थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण करते हुए कहा कि उसने गुस्से में आकर यह अपराध किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
इलाके में दहशत और आक्रोश, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद केवटपाड़ा मोहल्ले में तनाव और भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
यह घटना इस बात का सबूत है कि सामाजिक सहिष्णुता और धैर्य की कमी किस कदर हमारे आसपास की फिजा को हिंसक बना रही है। छोटी-छोटी बातों पर हत्या जैसे अमानवीय कृत्य होना, हमारे समाज में गुस्से की विकरालता और कानून के डर की कमी को दर्शाता है।

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