रांची की महिला से डेढ़ करोड़ की अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी : CBI अधिकारी बन किया ‘डिजिटल अरेस्ट’, CID ने तीन आरोपियों को पकड़ा
रांची, 31 मई। राजधानी रांची में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने आम नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा को लेकर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) का अधिकारी बताकर रांची की एक महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया और उससे 1.39 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि ठग ली।
झारखंड की CID द्वारा की गई तेज़ और समन्वित कार्रवाई के बाद तेलंगाना और मिजोरम से इस हाई-प्रोफाइल ठगी में संलिप्त तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले ने न सिर्फ झारखंड, बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में फैले साइबर नेटवर्क की पोल खोल दी है।
📌 कैसे रची गई ठगी की हाई-टेक साजिश
घटना की शुरुआत 15 मई 2025 को हुई, जब पीड़ित महिला को एक अज्ञात व्हाट्सएप नंबर से वीडियो कॉल आया। कॉलर ने खुद को CBI अधिकारी बताया और महिला को सूचना दी कि उनका नाम एक अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल है। उन्हें कहा गया कि डिजिटल अरेस्ट के तहत वे जांच पूरी होने तक कहीं भी बाहर नहीं जा सकतीं और हर निर्देश का पालन करना होगा।
डर और मानसिक दबाव में पीड़िता ने जब सवाल उठाए तो उन्हें आदेश की कॉपी, आईडी कार्ड और फर्जी कोर्ट नोटिस भेजे गए। फिर अलग-अलग बैंक खातों में 1.39 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
💻 CID की तेज़ कार्रवाई, तीन आरोपी गिरफ्तार
रांची CID ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तेलंगाना और मिजोरम में छापेमारी की और तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया:
- बी. इशाक अहमद – पुरानी हवेली, तेलंगाना से
- कुनापुली सुब्रमण्या शर्मा – अमेरपेठ, हैदराबाद से
- लालदुहसांगा – आइजॉल, मिजोरम से
गिरफ्तार आरोपियों के पास से यूएई का रेसिडेंट ID, 4 मोबाइल फोन, 5 एटीएम कार्ड, फर्जी दस्तावेज, सिम कार्ड, और संदिग्ध व्हाट्सएप चैट बरामद की गई हैं।
🌐 दुबई से चल रहा था साइबर सिंडिकेट
CID की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है कि यह गिरोह दुबई के साइबर क्राइम सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है। आरोपी कुनापुली सुब्रमण्या शर्मा ने बताया कि वे RAKB (रास अल खैमाह बैंक), दुबई के खातों का इस्तेमाल करते थे और भारत में फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर पैसे मंगवाते थे।
इस ठगी में इस्तेमाल किया गया खाता ICICI बैंक में 'कुनापुली इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड' के नाम पर खोला गया था। NCRP (National Cybercrime Reporting Portal) से पता चला कि इसी खाते में एक ही दिन में ₹1.72 करोड़ रुपये विभिन्न राज्यों से ट्रांसफर किए गए। इस एक खाते से देशभर में 15 से अधिक साइबर ठगी के मामले जुड़े हुए पाए गए, जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा शामिल हैं।
🔍 अन्य राज्यों में भी फैला है नेटवर्क
झारखंड CID अब इस मामले की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की गहराई से जांच कर रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क टेलीग्राम, व्हाट्सएप, सिग्नल और वर्चुअल नंबरों के ज़रिए संचालित होता है और अपराधी कई देशों में बैठे मास्टरमाइंड के निर्देश पर काम करते हैं।
🛑 डिजिटल अरेस्ट जैसी फर्जी तकनीक से लोगों को डराना नया ट्रेंड
साइबर ठगों द्वारा ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे नए साइकोलॉजिकल ट्रिक का इस्तेमाल कर लोगों को मानसिक रूप से पंगु बनाया जा रहा है। वे फर्जी दस्तावेज, वीडियो कॉल, और डराने वाली भाषा का उपयोग करते हैं ताकि पीड़ित कानूनी डर के चलते बिना जांच के ही धनराशि ट्रांसफर कर दे।
🚨 CID की अपील: रहें सतर्क, जागरूक और तुरंत करें रिपोर्ट
CID ने आम जनता से अपील की है कि:
- कोई भी व्यक्ति अगर खुद को सरकारी अधिकारी, एजेंसी या पुलिस बताकर डराने की कोशिश करे तो तत्काल 1930 या साइबर सेल में शिकायत करें।
- कभी भी अपनी बैंकिंग जानकारी, OTP, UPI पिन, पासवर्ड किसी को साझा न करें।
- किसी भी फर्जी वीडियो कॉल या दस्तावेज पर भरोसा न करें, पहले उसकी जांच करें।
- डिजिटल अपराधों के प्रति जागरूक रहें और दूसरों को भी सतर्क करें।
📍 रिपोर्ट: रांची दस्तक / PSA Live News

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