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दरभंगा में राहुल गांधी पर FIR दर्ज: प्रशासन और राजनीति के टकराव की नई गाथा

लेखक: अशोक कुमार झा, प्रधान संपादक – PSA Live News व ‘रांची दस्तक’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बिहार के दरभंगा दौरे के दौरान जिला प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद अंबेडकर छात्रावास पहुंचकर छात्रों से संवाद करने के बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह घटना न केवल प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व के बीच टकराव को दर्शाती है, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी के मुद्दे पर भी नए सवाल खड़े करती है।

क्या है मामला?

राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा के दौरे पर थे। जिला प्रशासन ने उन्हें कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी थी। बावजूद इसके, राहुल गांधी अंबेडकर छात्रावास पहुंचे और वहां छात्रों से बातचीत की। इस कदम के बाद प्रशासन ने राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं पर बीएनएस (Bihar National Security Act) की धारा 163 (144 के उल्लंघन) के तहत दो अलग-अलग FIR दर्ज की हैं।

यह FIR दरभंगा के लहेरियासराय थाना में दर्ज की गई है। सदर एसडीओ विकास कुमार और एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार और प्रखंड कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम के आवेदन पर यह कार्रवाई की गई है।

FIR में नामजद कौन-कौन?

दोनों मामलों में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी मदन मोहन झा सहित 100 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।

  1. पहला मामला:

    • आवेदनकर्ता: जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार

    • आरोप: धारा 163 (144) का उल्लंघन

  2. दूसरा मामला:

    • आवेदनकर्ता: प्रखंड कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम

    • आरोप: प्रशासनिक आदेश की अवहेलना और बिना अनुमति भीड़ इकट्ठा करना

राहुल गांधी का पलटवार

पुलिस द्वारा रोके जाने पर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बिहार पुलिस ने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन वे मेरी आवाज़ को दबा नहीं सकते। मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से जाति जनगणना कराने का आग्रह किया था। आपके दबाव के कारण प्रधानमंत्री को जाति आधारित जनगणना की घोषणा करनी पड़ी। लेकिन यह सरकार लोकतंत्र, संविधान और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। यह आपकी नहीं, अडानी-अंबानी की सरकार है।”

राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि यदि उनकी पार्टी की सरकार बिहार और देश में बनती है, तो उनकी प्राथमिकता आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करना होगी।

प्रशासन का पक्ष

जब इस मामले को लेकर दरभंगा के एसएसपी से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उनकी ओर से केवल इतना कहा गया कि मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ाया जाएगा।

राजनीति या प्रशासनिक सख्ती?

यह घटना बिहार में प्रशासन और राजनीति के बीच खिंचती नई लकीर को उजागर करती है।

  1. राहुल गांधी के कदम:

    • यह उनके द्वारा समर्थकों और छात्रों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने की पहल थी।

    • यह कदम उन्हें प्रशासनिक आदेशों के खिलाफ खड़ा करता है।

  2. प्रशासन का कदम:

    • जिला प्रशासन का तर्क है कि बिना अनुमति के किसी भी सार्वजनिक स्थान पर भीड़ जुटाना कानून का उल्लंघन है।

    • लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या प्रशासन ने राहुल गांधी की लोकप्रियता और उनके साथ जुड़े राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए इस मुद्दे को ज़रूरत से ज्यादा तूल दिया?

विपक्षी दलों का रुख

घटना के बाद बिहार के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दलों ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए इसे "लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश" करार दिया है। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन का कहना है कि कानून का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी है, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो।

बड़ी तस्वीर: लोकतंत्र पर सवाल

राहुल गांधी पर दर्ज यह मामला केवल एक कानूनी विवाद नहीं है। यह घटना लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक हस्तक्षेप की सीमाओं पर बहस को हवा देती है।

  • क्या प्रशासनिक आदेश के खिलाफ किसी नेता का कदम जनसंवाद के लिए ज़रूरी है?

  • क्या यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई?

  • लोकतंत्र में राजनेताओं के अधिकार और सीमाएँ क्या होनी चाहिए?

दरभंगा में राहुल गांधी पर FIR और प्रशासन के साथ उनका टकराव एक बड़ा मुद्दा बन गया है। यह घटना सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर बिहार और राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या इस घटना से राहुल गांधी और कांग्रेस को राजनीतिक लाभ मिलेगा, या फिर प्रशासनिक सख्ती उनकी रणनीति पर पानी फेर देगी?

दरभंगा में राहुल गांधी पर FIR दर्ज: प्रशासन और राजनीति के टकराव की नई गाथा दरभंगा में राहुल गांधी पर FIR दर्ज: प्रशासन और राजनीति के टकराव की नई गाथा Reviewed by PSA Live News on 10:06:00 pm Rating: 5

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