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झारखंड शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे एसीबी की गिरफ्त में, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप

भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई, नौकरशाही में मचा हड़कंप, शासन की छवि पर फिर उठे सवाल।


रांची/विशेष संवाददाता: 
झारखंड की नौकरशाही में शुक्रवार को उस वक्त जबरदस्त हलचल मच गई, जब राज्य के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी विनय कुमार चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में हिरासत में ले लिया। वर्तमान में वे झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं।

सूत्रों के अनुसार, एसीबी को इस घोटाले में कई महीनों से चौबे की भूमिका की जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजी सबूत और वित्तीय लेनदेन से जुड़े सुराग मिले थे। इसी के आधार पर आज तड़के उनके सरकारी आवास और कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।

क्या है झारखंड का शराब घोटाला?
झारखंड में 2022 के बाद से राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली में कई अनियमितताएं सामने आई थीं। शराब बिक्री में घाटा दिखाकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया गया। कई जिलों में फर्जी बिलिंग, अवैध गोदाम, स्टॉक की हेराफेरी और रिटेल दुकानों से कमीशन के नाम पर वसूली जैसे मामले उजागर हुए।

ईडी, एसीबी और राज्य सतर्कता विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट हुआ कि शराब कारोबार की पूरी श्रृंखला में प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त था। इसके बाद इस मामले में कई अधिकारियों, कारोबारियों और ठेकेदारों की भूमिका की जांच शुरू हुई।

IAS विनय कुमार चौबे का नाम कैसे आया सामने?
ACB सूत्रों के अनुसार, विनय कुमार चौबे उस समय आबकारी विभाग में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक भूमिका में थे, जब यह घोटाला अपने चरम पर था। दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की जांच में यह पाया गया कि कुछ विवादास्पद फैसलों और आदेशों में उनका हस्ताक्षर है, जिससे विशेष कंपनियों और वितरकों को लाभ पहुंचा।

इसके अलावा, बैंक खातों में असामान्य लेनदेन, ट्रांजैक्शन का पैटर्न, और कुछ संदिग्ध व्हाट्सएप चैट भी उनके खिलाफ सबूत के रूप में पेश किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि चौबे को आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है या सह-आरोपी/गवाह के रूप में पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रशासनिक हलचल
इस गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति में हड़कंप मच गया है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, "ये घोटाला किसी एक अफसर का नहीं, पूरी सरकार की मिलीभगत का परिणाम है।"

वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, परंतु सरकार के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई गई है।

IAS चौबे का प्रशासनिक करियर
विनय कुमार चौबे झारखंड कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं। वे अब तक राज्य के कई प्रमुख विभागों जैसे स्वास्थ्य, शहरी विकास, श्रम, परिवहन और गृह विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उन्हें एक सख्त और नीतिपरक अधिकारी के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में उन पर विवादों की परछाईं बढ़ती चली गई।

भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश या राजनीतिक मोहरा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कार्रवाई यदि तथ्यों पर आधारित है, तो यह झारखंड की नौकरशाही में एक साहसिक कदम माना जाएगा। लेकिन यदि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव या बदले की भावना से की गई है, तो इससे प्रशासनिक व्यवस्था की साख और विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग सकता है।

आगे क्या?
ACB के अधिकारी अगले 48 घंटे में चौबे को कोर्ट में प्रस्तुत कर सकते हैं या औपचारिक गिरफ्तारी की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही, इस मामले में अन्य अधिकारियों और कारोबारी समूहों की भूमिका की जांच भी तेज हो सकती है।

इस बीच, राज्यपाल, कैबिनेट सचिव और मुख्य सचिव इस मुद्दे पर राज्य स्तर पर प्रतिक्रिया और निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यदि चौबे दोषी पाए जाते हैं, तो यह झारखंड प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा और आने वाले समय में कई अन्य बड़े नाम भी उजागर हो सकते हैं।

विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी महज एक घटना नहीं, बल्कि झारखंड की नौकरशाही में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक प्रशासन के सवाल को फिर से केंद्र में लाती है। अब देखना यह होगा कि एसीबी इस कार्रवाई को किस मुकाम तक ले जाती है और क्या यह झारखंड में भ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक मोड़ बन पाएगा।

झारखंड शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे एसीबी की गिरफ्त में, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप झारखंड शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे एसीबी की गिरफ्त में, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप Reviewed by PSA Live News on 6:21:00 pm Rating: 5

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