एक महीने में दूसरी बार ट्रेन पर हमला, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
रिपोर्ट: PSA लाइव न्यूज़ | सीवान-छपरा से विशेष संवाददाता
छपरा/सीवान | 18 मई 2025 की रात को सीवान-छपरा रेलखंड पर राप्तीसागर एक्सप्रेस (12522) पर पत्थरबाजी की एक और खौफनाक घटना सामने आई है। एर्नाकुलम से बरौनी जा रही इस लंबी दूरी की सुपरफास्ट ट्रेन के जनरल कोच S-3 में यात्रा कर रहे मुज़फ्फरपुर निवासी 28 वर्षीय विशाल कुमार उस समय गंभीर रूप से घायल हो गए जब अचानक खिड़की के पास से एक बड़ा पत्थर उनके सिर पर आकर लगा। इस हमले के बाद कोच में अफरा-तफरी मच गई और यात्री जान बचाने के लिए सीटों के नीचे छिपने लगे।
ट्रेन जैसे ही घटना के बाद छपरा जंक्शन पहुंची, रेलवे पुलिस बल (RPF), Government Railway Police (GRP) और रेलवे मेडिकल टीम पहले से अलर्ट पर थीं। प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर रात 00:40 बजे पहुंची ट्रेन को करीब 20 मिनट तक रोके रखा गया। घायल यात्री विशाल कुमार को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा दी गई और बाद में उन्हें सिविल अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि सिर पर पांच टांके लगाने पड़े हैं, हालांकि उनकी स्थिति अब स्थिर है।
यात्रियों में भय, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना के बाद यात्रियों में भय और आक्रोश का माहौल है। कोच में मौजूद यात्रियों ने बताया कि जैसे ही पत्थरों की बारिश शुरू हुई, कोच में हड़कंप मच गया। किसी को कुछ समझ नहीं आया। कुछ यात्रियों ने तुरंत खिड़की के शटर बंद किए और कई सीटों के नीचे दुबक गए। कई यात्रियों ने रेलवे कंट्रोल रूम (139) को फोन कर तुरंत मदद की गुहार लगाई।
एक यात्री ने बताया, "यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले महीने भी इसी रूट पर एकमा के पास सीताराम एक्सप्रेस पर हमला हुआ था। अब हम रोजाना डर के साये में यात्रा कर रहे हैं।"
एक महीने में दूसरी बड़ी घटना
यह घटना पिछले एक महीने में इस सेक्शन में ट्रेनों पर हुआ दूसरा हमला है। 12 अप्रैल को एकमा के पास सीताराम एक्सप्रेस पर हुए पथराव में पटना निवासी एक यात्री की भुजा टूट गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने रेल यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर तब जब राप्तीसागर एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में RPF की नियमित सशस्त्र स्कॉर्टिंग होती है।
रेलवे की कार्रवाई: ड्रोन सर्वे से लेकर मुकदमा तक
रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ कमांडेंट आशीष कुमार ने बताया कि यह पथराव संभवतः बड़हेरवा और डुमरी स्टेशन के बीच हुआ है। इस इलाके में ट्रैक किनारे बसी दो-तीन बस्तियों से असामाजिक तत्व पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। अब रेलवे ने इस क्षेत्र में मोबाइल पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ-साथ ड्रोन सर्वे शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि दोषियों की पहचान की जा सके।
उन्होंने कहा, “दोषियों की पहचान कर रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि यात्रियों की जान को खतरे में डालने का कृत्य है।”
CCTV फुटेज की जांच और गश्त में बढ़ोतरी
छपरा जंक्शन और आसपास के सभी प्रमुख स्टेशनों के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। रेलवे ने बताया कि पथराव के संभावित इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और स्थानीय प्रशासन से भी मदद मांगी गई है। RPF की टीम रेलवे ट्रैक के आसपास के गांवों में जाकर लोगों को समझाने और जागरूक करने का काम भी कर रही है।
यात्रियों से सहयोग की अपील
RPF ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान यदि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखें—जैसे ट्रैक किनारे खड़े संदिग्ध लोग, हाथ में पत्थर लिए बच्चे, या अंधेरे में छिपे लोग—तो तुरंत 182 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें और फोटो/वीडियो उपलब्ध कराएं। इससे रेलवे को अपराधियों की पहचान में मदद मिलेगी।
रेलवे प्रशासन ने यह भी कहा है कि "दोषियों की पहचान होते ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ नुकसान की भरपाई भी की जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
यात्रा के दौरान सतर्क रहना भी ज़रूरी
जहाँ एक ओर रेलवे सुरक्षा एजेंसियाँ सक्रिय हुई हैं, वहीं यह ज़रूरी है कि आम यात्री भी सतर्क रहें। ऐसी घटनाएँ न केवल यात्रियों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि रेलवे की साख और संचालन व्यवस्था पर भी असर डालती हैं। समय आ गया है कि समाज, प्रशासन और रेलवे मिलकर ऐसे अपराधियों को सबक सिखाएं ताकि कोई और विशाल कुमार इस तरह की वारदात का शिकार न बने।

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