झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई सुबह — छह मेडिकल कॉलेज, मेडिको सिटी और दूसरा AIIMS की घोषणा से बदलेगा स्वास्थ्य का भविष्य
दिल्ली से झारखंड के लिए अभूतपूर्व सौगात — डॉ. इरफान अंसारी की दूरदृष्टि और जुझारूपन का नतीजा
नई दिल्ली/रांची। झारखंड की जनता को आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपहार मिला है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की केंद्र सरकार के साथ निर्णायक बातचीत के बाद केंद्र ने झारखंड को एक नहीं, बल्कि कई महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजनाओं की सौगात दी है — छह नए मेडिकल कॉलेज, 4000 करोड़ की लागत से बनने वाली "मेडिको सिटी", रांची में दूसरा AIIMS, और नकली दवाओं पर लगाम कसने के लिए दो मेडिसिन टेस्टिंग लैब्स की स्थापना का रास्ता अब साफ हो गया है।
यह सब हुआ दिल्ली स्थित निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा से हुई बैठक के बाद, जहाँ डॉ. अंसारी ने राज्य की स्वास्थ्य चुनौतियों को बेहद मजबूती, स्पष्टता और तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया।
“हमने जो माँगा, वह हमारा हक था – और हमने अपना हक ले लिया”: डॉ. अंसारी
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. अंसारी के आत्मविश्वास से भरे शब्द उनके विजन और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “यह अफसोस की बात है कि ये काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। पर अब जब मैं स्वयं एक डॉक्टर के रूप में मंत्रालय का दायित्व निभा रहा हूँ, तो हर निर्णय एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लिया जा रहा है, और उसका सीधा लाभ झारखंड की जनता को मिलेगा।”
बैठक में उठे ये 6 प्रमुख मुद्दे — और सभी पर केंद्र की सकारात्मक मुहर
1. मेडिको सिटी की स्थापना (4000 करोड़ की लागत से)
राज्य में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की ज़रूरत को देखते हुए डॉ. अंसारी ने मेडिको सिटी की स्थापना का प्रस्ताव रखा। यह एक संपूर्ण मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर होगा जिसमें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल रिसर्च सेंटर, पैरामेडिकल संस्थान और आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति जताई और वित्तीय सहयोग का भरोसा दिया।
2. 6 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी
एनएमसी (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) के मापदंडों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि झारखंड जैसे राज्य में कम से कम 39 मेडिकल कॉलेज होने चाहिए, जबकि वर्तमान में सिर्फ 9 ही हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को गंभीरता से लिया और 6 नए कॉलेजों को मंजूरी देने का रास्ता साफ कर दिया।
3. रांची में दूसरा AIIMS
हाल ही में संथाल परगना में घोषित AIIMS के बाद रांची को भी एक और AIIMS मिलने की घोषणा हुई है। डॉ. अंसारी ने यह मांग रखी कि राज्य की राजधानी होने के कारण रांची को एम्स स्तर की चिकित्सा सुविधा की सख्त ज़रूरत है।
4. रिनपास को केंद्र से विशेष सहायता और उन्नयन
100 वर्ष पूर्ण कर चुके रिनपास (रांची मानसिक स्वास्थ्य संस्थान) को अपग्रेड करने की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने इस पर आगे की कार्रवाई का भरोसा दिलाया और रिनपास के शताब्दी समारोह में आने की सहमति भी दी।
5. नकली दवाओं पर रोक — राज्य को मिलेगी 2 टेस्टिंग लैब
फार्मेसी बाजार में नकली और घटिया दवाओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए डॉ. अंसारी ने दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए दो मेडिसिन टेस्टिंग लैब्स की आवश्यकता बताई, जिस पर नड्डा जी ने सहमति जताई और जल्द इनकी स्थापना की घोषणा की।
6. आयुष्मान भारत योजना के तहत लंबित भुगतानों पर कार्रवाई
राज्य के 213 इंपैनल्ड अस्पतालों को लंबे समय से आयुष्मान योजना के तहत भुगतान नहीं मिला है। मंत्री ने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया और बताया कि ED की कार्यवाहियों के कारण देरी हो रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने विभाग को निर्देशित किया कि जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
राजनीति से ऊपर उठकर, जनता के लिए संघर्ष
बैठक के दौरान जब डॉ. अंसारी ने यह कहा कि "स्वास्थ्य सेवा को राजनीति से ऊपर रखकर देखा जाना चाहिए," तो न केवल केंद्रीय मंत्री ने सहमति जताई, बल्कि यह भी कहा कि यदि कोई परियोजनाओं में अवरोध डाल रहा है, तो उसका विवरण दिया जाए ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
रिम्स-2 जैसे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के विरोध पर डॉ. अंसारी ने खुलकर कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब राज्य के लिए एक आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र बनने जा रहा है, तब कुछ लोग राजनैतिक कारणों से उसका विरोध कर रहे हैं। यह सीधे जनता के जीवन से खिलवाड़ है।”
एक डॉक्टर मंत्री के नेतृत्व में नीति नहीं, नियति बदल रही है
डॉ. अंसारी की यह पहल साबित करती है कि जब किसी राज्य का मंत्री स्वयं तकनीकी समझ रखता हो और राज्यहित सर्वोपरि रखता हो, तो केवल वादे नहीं होते, नतीजे सामने आते हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा ने भी बैठक के अंत में डॉ. अंसारी के रुख की सराहना करते हुए कहा कि, “झारखंड की स्वास्थ्य ज़रूरतें विशेष हैं, और हमें उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। मंत्रालय हरसंभव सहयोग करेगा।”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अब ‘स्वस्थ झारखंड’ की ओर निर्णायक क़दम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रारंभ से ही स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। डॉ. अंसारी की केंद्र से सफल वार्ता से स्पष्ट है कि राज्य सरकार अब नीति निर्धारण से क्रियान्वयन तक की प्रक्रिया में नेतृत्व कर रही है। इस साझेदारी से अब झारखंड में मेडिकल टूरिज्म का भी नया अवसर पैदा होगा और युवाओं को बड़ी संख्या में शिक्षा और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
यह एक ऐतिहासिक मोड़ है, केवल घोषणा नहीं
इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि झारखंड अब स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में सिर्फ पीछा नहीं करेगा, बल्कि दिशा तय करेगा। अब जरूरत है तेज़ अमल, जनता की भागीदारी और राजनीति से ऊपर उठकर राज्य निर्माण की।
झारखंड अब सिर्फ "बीमारू राज्य" की छवि नहीं, बल्कि "स्वस्थ और सशक्त झारखंड" की ओर बढ़ चुका है।
अशोक कुमार झा
प्रधान संपादक – रांची दस्तक | PSA Live News

कोई टिप्पणी नहीं: