रांची। राँची में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने झारखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। इन घोषणाओं से न केवल राज्य की सड़कों का कायाकल्प होगा, बल्कि औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और सुरक्षित यातायात को भी नया आयाम मिलेगा।
राँची आउटर रिंग रोड को मिली मंजूरी, 6000 करोड़ की लागत
राजधानी राँची को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने और शहरी विस्तार को गति देने के उद्देश्य से ₹6000 करोड़ की लागत से राँची आउटर रिंग रोड के डीपीआर (Detailed Project Report) को मंजूरी दे दी गई है। यह आउटर रिंग रोड राँची के चारों ओर एक आधुनिक परिवहन रेखा स्थापित करेगा, जिससे भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी और आंतरिक ट्रैफिक सुगम बनेगा।
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर की भित्ति कलाओं को केंद्र की हरी झंडी
रातू रोड में हाल ही में उद्घाटन किए गए एलिवेटेड कॉरिडोर के पिलर्स पर पारंपरिक "सोहराय पेंटिंग" को लगाने की मांग को श्री गडकरी ने तत्क्षण स्वीकार कर लिया। इससे झारखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को राष्ट्रीय मंच मिलेगा और स्थानीय कलाकारों को आर्थिक सहयोग भी मिलेगा।
राँची-सिल्ली-मुरी मार्ग को मिलेगा राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा
केंद्रीय मंत्री ने राँची को सिल्ली होते हुए मुरी तक जोड़ने वाले मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। यह घोषणा "गति शक्ति" योजना के तहत सड़क विकास को नई दिशा देगी और क्षेत्रीय व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
नागपुर की तर्ज पर राँची और जमशेदपुर में ई-बस का ट्रायल
हरित ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्री गडकरी ने कहा कि नागपुर मॉडल पर आधारित इलेक्ट्रिक बसों (ई-बस) का ट्रायल राँची और जमशेदपुर में करवाया जाएगा। इससे इन दोनों औद्योगिक शहरों में प्रदूषण में कमी के साथ स्मार्ट ट्रांसपोर्ट की दिशा में प्रगति होगी।
₹5500 करोड़ की केंद्रीय सड़क निधि से झारखंड को बड़ी राहत
गडकरी ने झारखंड को ₹5000 करोड़ + ₹500 करोड़ यानी कुल ₹5500 करोड़ की राशि CRF (Central Road Fund) के तहत मंजूर करने की घोषणा की। यह निधि राज्य के विभिन्न सड़क परियोजनाओं के निर्माण, मरम्मत और सुधार कार्यों के लिए उपयोग में लाई जाएगी।
प्रमुख सड़क परियोजनाएं जिनको मिली स्वीकृति:
1️⃣ एकचारी से मेहगामा खंड का चौड़ीकरण (4-लेन)
- लागत: ₹1300 करोड़
- यह खंड झारखंड-बिहार सीमा क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। निर्माण से औद्योगिक ट्रैफिक और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
2️⃣ कोडरमा-मेघातारी खंड का 4-लेन निर्माण
- लागत: ₹900 करोड़
- इस मार्ग के विकसित होने से राँची और पटना के बीच यात्रा का समय 1 घंटे से घटकर मात्र 30 मिनट हो जाएगा।
- साथ ही यह दुर्घटनाओं में कमी और ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान में मददगार होगा।
3️⃣ पाकुड़ शहर में 20 किमी लंबा बाइपास
- लागत: ₹450 करोड़
- पाकुड़ की यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए यह बाइपास अत्यंत जरूरी था। इससे भारी वाहनों को शहर के अंदर प्रवेश से रोका जा सकेगा, जिससे ट्रैफिक लोड कम होगा।
4️⃣ हंटरगंज में 7 किमी लंबा बाइपास निर्माण
- लागत: ₹150 करोड़
- यह मार्ग गंगा के दक्षिणी तटीय जिलों और गया-पलामू क्षेत्र को जोड़ने के लिए लाभकारी साबित होगा। स्थानीय लोगों को जाम से राहत और तेजी से आवागमन की सुविधा मिलेगी।
झारखंड को विकास का इंजन बनाएगी यह योजना
केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार झारखंड की भौगोलिक और औद्योगिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सड़क नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य की जीडीपी में सीधा योगदान होगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, और कृषि, खनन व उद्योगों के लिए ट्रांसपोर्ट लागत में भारी कमी आएगी।
स्थानीय कलाकारों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने गडकरी जी की घोषणाओं का स्वागत करते हुए झारखंड के लिए इसे "इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति" की शुरुआत बताया।
🖊️ रिपोर्ट: अशोक कुमार झा, संपादक - PSA Live News एवं Ranchi Dastak

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