गांव-गांव घूमकर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करने की मुहिम, आज समापन
चंदवा (लातेहार)। चार वर्षों पूर्व शिलान्यास के बावजूद टोरी-चंदवा एनएच-99 (नवीन एनएच-22) पर फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू न होने से नाराज किसानों ने बुधवार से दो दिवसीय ध्यान आकर्षण पदयात्रा की शुरुआत की। पदयात्रा का नेतृत्व किसान नेता एवं पंचायत समिति सदस्य अयूब खान कर रहे हैं। किसान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीरें लेकर गांव-गांव घूमते हुए आम जनता को जागरूक कर रहे हैं और मीडिया के माध्यम से दोनों नेताओं का ध्यान इस लंबित परियोजना की ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं।
यह पदयात्रा ऐसे समय में हो रही है जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 3 जुलाई को रांची में फ्लाईओवर के उद्घाटन और गढ़वा में नेशनल हाईवे परियोजना के शुभारंभ हेतु झारखंड दौरे पर हैं। किसानों को उम्मीद है कि उनके इस प्रयास से गडकरी इस मुद्दे पर संज्ञान लेंगे और टोरी-चंदवा फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
शिलान्यास को चार वर्ष बीते, निर्माण कार्य अब तक ठप
उल्लेखनीय है कि 3 अप्रैल 2021 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस फ्लाईओवर का वर्चुअल शिलान्यास किया था। इसके बाद करीब छह से सात बार टेंडर प्रक्रिया हुई, परंतु आज तक टेंडर फाइनल नहीं हो सका। नतीजतन निर्माण कार्य का कोई अता-पता नहीं है।
पदयात्रा के दौरान किसान नेता अयूब खान ने कहा कि यह ब्रिज चंदवा के टोरी रेलवे क्रॉसिंग पर अत्यंत आवश्यक है, जहां रोजाना घंटों फाटक बंद रहने के कारण भीषण जाम लगता है। उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियां लगातार चलती रहती हैं और हर बार फाटक बंद होने से एम्बुलेंस, स्कूल बस, आम जनता, किसान, व्यापारी सभी बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
जाम में दम तोड़ते मरीज, ठप होता व्यापार
रेलवे क्रॉसिंग पर घंटों फाटक बंद रहने से कई बार एम्बुलेंस जाम में फंस जाते हैं, जिसके चलते मरीजों की मृत्यु तक हो जाती है। अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। कभी-कभी महिलाएं प्रसव पीड़ा में वहीं फाटक पर ही बच्चे को जन्म देती हैं। छात्र-छात्राओं को समय पर स्कूल और कॉलेज पहुंचने में भारी कठिनाई होती है, वहीं किसान अपनी उपज लेकर शहर नहीं पहुंच पाते। स्थानीय बाजार, व्यवसाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
हजारों लोग प्रभावित, करोड़ों की गतिविधियां ठप
इस नेशनल हाईवे से रांची, पटना, छत्तीसगढ़, गढ़वा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, हजारीबाग और चतरा जैसे जिलों की हजारों गाड़ियाँ गुजरती हैं। टोरी फाटक पर जाम की स्थिति इतनी भयावह होती है कि शहर के उत्तर भाग में रहने वाले हजारों लोगों ने चंदवा आना-जाना लगभग बंद कर दिया है। बालूमाथ के लोग भी अब चंदवा के बाजार नहीं जाते, जिससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
किसानों की अपील : अब नहीं चाहिए सिर्फ टेंडर की बात, चाहिए ठोस कार्रवाई
पदयात्रा के माध्यम से किसान यह संदेश देना चाहते हैं कि अब केवल टेंडर प्रक्रिया की खानापूर्ति नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर कार्य की शुरुआत होनी चाहिए। किसानों की मांग है कि नितिन गडकरी व्यक्तिगत तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करें और कार्य प्रारंभ कराएं।
मीडिया और जनता से सहयोग की अपील
अयूब खान ने पलामू प्रमंडल, लातेहार, रांची, गढ़वा, चतरा और आसपास के पत्रकारों और आम नागरिकों से इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया है ताकि यह आवाज़ दिल्ली और रांची तक पहुंचे और इस फ्लाईओवर का कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।
पदयात्रा में शामिल रहे ये प्रमुख चेहरे:
इस दो दिवसीय पदयात्रा में किसान नेता अयूब खान के साथ सनीका मुंडा, संजय राम, मोबीन खान, असरीता देवी, एतवरिया देवी, शीला देवी, सरहुलिया देवी, राजेश परहैया, सीताराम परहैया, राजेश राम, विशाल परहैया, रोहित परहैया, बुटन परहैया, रमेश परहैया, दिलीप परहैया, भुनेश्वर परहैया, धर्मदेव परहैया, चुनकु परहैया समेत कई ग्रामीणों की सहभागिता रही।

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