पटना में अपराधियों का तांडव, कानून व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल, दिनदहाड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या
पटना। बिहार की राजधानी पटना में कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की आज दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह सनसनीखेज वारदात गांधी मैदान थाना क्षेत्र में हुई, जिससे पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश फैल गया है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, व्यवसायी गोपाल खेमका अपने निजी कार्य से कहीं जा रहे थे, तभी बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने उन्हें टारगेट करते हुए गोलियों से छलनी कर दिया। हमले के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। घायल अवस्था में खेमका को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गोलीबारी की आवाज सुनते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। व्यवसायी पर कितनी गोलियां चलाई गईं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार तीन से चार गोलियां मारी गई थीं।
मौके पर पुलिस बल तैनात, जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही गांधी मैदान थाना पुलिस, एफएसएल टीम, और क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंचीं और छानबीन शुरू कर दी। घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज जुटाए जा रहे हैं और अपराधियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पटना के एसएसपी और वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच का नेतृत्व संभाला।
व्यवसायिक और चिकित्सीय जगत में शोक की लहर
गोपाल खेमका न केवल पटना के एक सफल व्यवसायी थे, बल्कि मगध अस्पताल के संस्थापक होने के कारण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उनकी हत्या से व्यापारिक और चिकित्सीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। कई संगठनों ने हत्या की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि अगर अपराधियों को जल्द नहीं पकड़ा गया, तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
अपराधियों के हौसले बुलंद, सवालों में पुलिस की तैयारी
पटना जैसे संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल इलाके में, वह भी दिनदहाड़े हुई यह हत्या पुलिस की कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। शहर के केंद्र में खुलेआम व्यवसायी की हत्या ने आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना न सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी या व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा का परिणाम हो सकती है, बल्कि संगठित अपराध से भी जुड़ी हो सकती है। फिलहाल पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है—व्यक्तिगत रंजिश, लेनदेन, और जमीन विवाद समेत।
प्रशासन और सरकार से जवाब की मांग
इस घटना को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। विपक्ष ने इसे राज्य में "बिगड़ती कानून व्यवस्था का प्रतीक" बताते हुए सरकार को घेरा है। व्यवसायिक संगठनों ने 48 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे व्यापक विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। मृतक गोपाल खेमका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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