रांची, 13 जुलाई । राजधानी रांची में सावन की फुहारों के बीच उमंग, उल्लास और उत्सव का अनूठा संगम देखने को मिला जब स्टोरी लाइन इंडिया और आर्टिस्टिक एलायंस के संयुक्त तत्वावधान में ‘सावन मिलन महोत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया। बरियातू स्थित होटल आदित्य में रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में रांची की सैकड़ों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और जीवन की व्यस्तताओं से कुछ पल निकालकर केवल ‘खुद के लिए’ जीने का अनुभव साझा किया।
सावन की हरियाली में सजी मुस्कानें और आत्मविश्वास
कार्यक्रम की शुरुआत रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने जब मंच पर कदम रखा तो मानो सावन की हरियाली ने जीवंत रूप ले लिया। डांस, म्यूज़िक, गेम्स और फैशन शो जैसी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी ने आयोजन को एक जीवंत उत्सव का स्वरूप दे दिया। साथ ही लजीज व्यंजनों से सजे लंच ने इस पर्व के स्वाद को और भी यादगार बना दिया।
‘सावन ग्लोरी अवॉर्ड’ से सम्मानित हुईं प्रतिभाएं
कार्यक्रम के विशेष आकर्षण ‘सावन ग्लोरी अवॉर्ड’ के अंतर्गत उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने समाज, कला, शिक्षा, व्यवसाय, स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह सम्मान न केवल उनके कार्यों की सराहना था, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बना।
आयोजकों ने रखी भावनाओं की गहराई
स्टोरी लाइन इंडिया की संस्थापक साधना कुमार ने कहा, “हमारा प्रयास यही है कि महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों से हटकर कुछ समय सिर्फ खुद के लिए निकालें, खुद को समझें और खुश रहें। सावन, महिलाओं की आत्मिक अभिव्यक्ति का महीना है, और हम इस उत्सव को आत्मसम्मान और आत्मखुशी से जोड़ना चाहते हैं।”
वहीं, आर्टिस्टिक एलायंस की संस्थापक स्वपना चटर्जी ने अपनी बात को बहुत ही भावुकता से रखते हुए कहा, “जैसे मोर बरसात में अपने पंख फैलाकर नाचता है, वैसे ही महिलाएं भी थोड़े से अवसर में पूरी कायनात को जी लेना चाहती हैं। 'सावन मिलन' उनके लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे खुलकर मुस्कुरा सकें, नाच सकें और जीवन के हर रंग को गले लगा सकें।”
सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव
इस विशेष अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष द्विवेदी, अवधेश ठाकुर, वसीम आलम, साबिर हसन, कुमार साहब, सिंधु बाला, आदित्य कुमार और आशीष रौशन शामिल रहे। इन सभी ने इस आयोजन को महिलाओं के आत्म-सम्मान और सामाजिक सहभागिता की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया।
महिलाओं की मुस्कान में दिखी एक नई ऊर्जा
पूरे कार्यक्रम में महिला प्रतिभागियों की मुस्कुराहटें, उनका आत्मविश्वास और उनकी रचनात्मकता यह साबित कर रही थी कि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा महिलाएं खुद गढ़ रही हैं। 'सावन मिलन महोत्सव' सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं था, यह आत्म-अभिव्यक्ति और आत्म-सशक्तिकरण का उत्सव बन गया।

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