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झारखंड प्रदेश के हृदय स्थली रांची नगर में इकलौते दिव्यादेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर का वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव की तैयारी जोड़ों पर


रांची। 
ज्ञात हो कि 18 जुलाई 2025 शुक्रवार से 20 जुलाई 2025 रविवार तक   मंदिर के अठारहवें वार्षिकोत्सव के साथ ही साथ वैकुण्ठाधिपति भगवान्  श्रीश्रीनिवास का श्रीलक्ष्मीजी की अवतारिका आकाशराज तन्या राजकुमारी पद्मावतीके संग विवाह महोत्सव मनाया जायेगा । यह महोत्सव भगवान् के पुत्र - जगत् पितामह ब्रह्माजी ने भगवान् श्रीमन्नारायण से आदेश प्राप्तकर, आदिकाल में इस भूलोक के वैकुण्ठ कहे जाने वाले    वेंकटाचल पर्वत पर मनाया था । जिस कारण से इस महोत्सव को ब्रह्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है । भगवान के इस विवाह महोत्सव में सभी तैतीस  कोटी देवी - देवतायें ,  शिव -पार्वती जी , ब्रह्मा, इंद्र ,सूर्य ,चंद्र ,सभी नक्षत्र ,अष्टलक्ष्मीयाँ और गंदर्भ , किन्नर, नाग ,सर्प एवं अप्सरायें आदि चौदहों भूवन के निवासी देवता  बढ़-चढ़कर भाग लिया था । तब से आज तक भारतवर्ष के सभी दिव्य देशियें मंदिरों में यह महोत्सव धुम-धाम से मनाने की प्रथा चली आ रही है ।

 रांची नगर के दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर को स्थापित हुए पूरे 18 वर्ष हो चुके हैं ।

 

 18 वे वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव  का रूपरेखा 

18 जुलाई शुक्रवार को सायं : 4:00 बजे से कलशस्थापनम् एवं यजमान संकल्पम् होगा । 19 जुलाई शनिवार को प्रातः 9:00 बजे से सुदर्शन हवण  तथा दोपहर 3:00 बजे से शोभा- यात्रा  - नगर भ्रमण करने को निकलेगी ।  20 जुलाई रविवार को कल्याण - महोत्सव अर्थात् भगवान् संग राजकुमारी पद्मावती का विवाहोत्सव । 

 

 इस दिव्य आयोजन में श्रीधाम वृंदावन से जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज संतों की एक टोली के साथ पधार रहे हैं। महाराज श्री आयोजित अनुष्ठान के रूपरेखा का निरीक्षण करने को ,16 जुलाई बुधवार को ही रांची पदार्पण करेंगे । यह पूरा महा आयोजन जगद्गुरु श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य  जी महाराज  के सानिध्य में संपन्न होगा। 

इधर दक्षिण भारत तमिलनाडु के कांचीपुरम से मुख्य आचार्य श्रीवत्स भट्टर सहित अन्य आचार्य , परिकर  ,नादश्वर पार्टी  , पालकी वाहक और रसोई ये सहित 32 लोग (मूर्ति) 18 जुलाई  को प्रातः पहुंच जाएंगे ।


                     मुख्य -   यजमान  :


वरपक्ष : श्री राम अवतार नारसरिया  - श्रीमती शारदा नारसरिया 


वधू पक्ष   :श्रीश्रीदेवी  - श्री प्रदीप नारसरिया - उमा नारसरिया 


वधू पक्ष :  द्वितीय श्रीभूमि देवी - श्री अभिषेक नारसरिया - श्रीमती प्रीति नारसरिया  होंगे ।

इन मुख्य  यजमानों के अतिरिक्त 251 के संख्या में सह यजमान भी होंगे। 

  शास्त्रीय मान्यता है कि भगवान् के इस महाआयोजन में सहभागी यजमान  अथवा  अन्य श्रद्धालुगण जिस किसी भी प्रकार से तन , मन और धन से सेवार्थ योगदान देते हैं , उनके आयु ,आरोग्य ,यश, कीर्ति धन-धान्य ,पुत्र - पौत्रादि  एवं अन्य मनोभिलाषित कामनाओं की पूर्ति होती है । साथ ही साथ भगवान् के विवाहोत्सव एवं शोभा - यात्रा में कुमारी कन्या और युवा जो सच्चे श्रद्धा -भक्ति और निष्ठा से सहभागीय होते हैं, उनकी शीघ्रातिशीघ्र  योग्य साथी से विवाह संपन्न हो जाता है।

झारखंड प्रदेश के हृदय स्थली रांची नगर में इकलौते दिव्यादेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर का वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव की तैयारी जोड़ों पर झारखंड प्रदेश के हृदय स्थली रांची नगर में इकलौते दिव्यादेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर का वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव की तैयारी जोड़ों पर Reviewed by PSA Live News on 11:13:00 pm Rating: 5

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