ब्लॉग खोजें

रांची में चीनी साइबर जालसाजों के सात एजेंट गिरफ्तार, CID की बड़ी कार्रवाई, डिजिटल अरेस्ट और निवेश घोटाले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा


रांची।
झारखंड की राजधानी रांची में चीनी साइबर अपराधियों के लिए काम कर रहे सात भारतीय एजेंटों को सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा है। यह कार्रवाई 4 जुलाई 2025 को गोपनीय सूचना के आधार पर की गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है।


गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधी—कुमार दीपक, कुमार सौरभ, प्रभात कुमार, लखन चौरसिया, शिवम कुमार, अनिल कुमार और प्रदीप कुमार—झारखंड में रहते हुए चीन-आधारित साइबर अपराधियों के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे थे।

🕵️ छापेमारी: एक होटल से खुला अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े का जाल

CID की तकनीकी टीम को 4 जुलाई को यह गुप्त जानकारी मिली कि रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र स्थित ओलिव गार्डन होटल में एक संगठित साइबर गिरोह ठहरा हुआ है, जो डिजिटल अरेस्ट, निवेश घोटाले, और म्यूल अकाउंट्स के संचालन जैसे अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधों में लिप्त है।

सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए CID की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने होटल पर छापा मारा और सात साइबर अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

📱 बरामदगी: तकनीकी सबूतों की भरमार

गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 14 एटीएम कार्ड, कई चेकबुक्स, और 60 से अधिक व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट्स बरामद किए गए हैं। इन डिजिटल चैट्स में सैकड़ों म्यूल बैंक खातों की जानकारी, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन लिंक, और चीनी प्लेटफॉर्म्स से किए गए संवाद शामिल हैं।

इन चैट्स से यह भी पता चला कि ये लोग Moonpay, Dragonpay, Superpay और MangopayIndia जैसी संदिग्ध विदेशी फिनटेक कंपनियों के लिए बैंक खातों की आपूर्ति और ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग का काम कर रहे थे।

💻 क्या होता है ‘डिजिटल अरेस्ट’ और ‘म्यूल अकाउंट’?

डिजिटल अरेस्ट एक नई किस्म की साइबर ठगी है, जिसमें जालसाज खुद को सरकारी अधिकारी या साइबर सेल का सदस्य बताकर पीड़ित को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनके खिलाफ कोई गंभीर डिजिटल अपराध हुआ है और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें तत्काल ऑनलाइन भुगतान करना होगा।

वहीं, म्यूल बैंक खाते वे फर्जी या अस्थायी बैंक खाते होते हैं जिनका उपयोग धोखाधड़ी की रकम को छुपाने और इधर-उधर करने में किया जाता है। इन खातों को एजेंट नकद राशि या कमीशन के बदले साइबर गिरोहों को उपलब्ध कराते हैं।

🔍 अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका

CID के अनुसार, गिरफ्तार एजेंट न केवल झारखंड में, बल्कि देश के अन्य राज्यों—उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली—से भी म्यूल अकाउंट्स इकट्ठा कर चीनी साइबर अपराधियों को उपलब्ध करा रहे थे।

सीआईडी को संदेह है कि यह नेटवर्क चीन स्थित मुख्य ऑपरेटिंग ग्रुप के साथ मिलकर काम कर रहा था, और इसमें क्रिप्टो करेंसी, विदेशी ट्रांजैक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती हैं।

🚨 आगे की कार्रवाई

CID ने इस कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि

  • यह गिरोह कितने लोगों को ठग चुका है?
  • कुल कितनी राशि ठगी गई?
  • इनके पीछे किस चीनी ऑपरेटिंग ग्रुप का हाथ है?
  • क्या भारत में और एजेंट सक्रिय हैं?

🗣️ CID का बयान

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया:

“यह मात्र शुरुआत है। गिरफ्तार एजेंट एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध चेन का हिस्सा हैं। हमने जो तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं, वे बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच को व्यापक दायरे में ले जाया जा रहा है।”


⚠️ साइबर सुरक्षा पर गहराते सवाल

रांची जैसे हाई-प्रोफाइल और तकनीकी रूप से उन्नत शहर में इस तरह का नेटवर्क चलाया जाना साइबर सुरक्षा तंत्र की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। अब देखना यह है कि इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ऐसे नेटवर्कों पर किस स्तर तक शिकंजा कस पाता है।

रांची में चीनी साइबर जालसाजों के सात एजेंट गिरफ्तार, CID की बड़ी कार्रवाई, डिजिटल अरेस्ट और निवेश घोटाले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा रांची में चीनी साइबर जालसाजों के सात एजेंट गिरफ्तार, CID की बड़ी कार्रवाई, डिजिटल अरेस्ट और निवेश घोटाले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा Reviewed by PSA Live News on 7:48:00 am Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.