गिरिडीह-दुमका में चिड़ियाघर और लातेहार में टाइगर सफारी को मंजूरी, झारखंड में वन्यजीव पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
रांची । झारखंड के पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 15वीं बैठक में लिया गया। इस बैठक में गिरिडीह और दुमका जिलों में आधुनिक चिड़ियाघर तथा लातेहार जिले के पुतवागढ़ संरक्षित वन क्षेत्र में टाइगर सफारी की स्थापना को हरी झंडी दे दी गई।
इन तीनों परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के साथ ही झारखंड का नाम वन्यजीव पर्यटन के क्षेत्र में देशभर में और अधिक सशक्त पहचान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रस्तावों का विस्तृत खाका
- गिरिडीह जिला : कुल 396.22 हेक्टेयर भूमि पर अत्याधुनिक चिड़ियाघर की स्थापना होगी। यहाँ पर्यटकों के लिए प्राकृतिक वातावरण से जुड़ा हुआ आकर्षक अनुभव तैयार किया जाएगा।
- दुमका जिला : 116.35 हेक्टेयर वन भूमि पर प्रस्तावित चिड़ियाघर का निर्माण हिजला पश्चिमी वन क्षेत्र में किया जाएगा। यह चिड़ियाघर संथाल परगना क्षेत्र में पर्यटन की नई पहचान बनेगा।
- लातेहार जिला : पलामू व्याघ्र आरक्ष से सटे पुतवागढ़ संरक्षित वन क्षेत्र में 150 हेक्टेयर भूमि पर टाइगर सफारी स्थापित होगी, जो रोमांचक वन्यजीव पर्यटन के साथ-साथ पर्यावरण शिक्षा का केंद्र भी बनेगी।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा और रोजगार के अवसर
इन परियोजनाओं से न केवल देश-विदेश से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही, हस्तशिल्प, स्थानीय कला और ग्रामीण उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में भी ये परियोजनाएँ सहायक होंगी।
पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता पर जोर
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि “झारखंड की प्राकृतिक धरोहर हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। इन परियोजनाओं के माध्यम से हम न केवल पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगे, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता को भी मजबूती देंगे।”
उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
पर्यटन मंत्री का आभार
पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “यह ऐतिहासिक निर्णय झारखंड को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई और सशक्त पहचान दिलाएगा। गिरिडीह, दुमका और लातेहार की ये परियोजनाएँ आने वाले समय में राज्य की अर्थव्यवस्था और पहचान दोनों को नई ऊँचाई प्रदान करेंगी।”
राज्य की साख को मिलेगा नया मुकाम
विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं से झारखंड न केवल पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और सतत विकास की दृष्टि से भी पूरे देश के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।
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