टाना भगतों से की सार्थक बैठक, समस्याओं के समाधान का मिला आश्वासन
राँची । राँची समाहरणालय के सभागार में मंगलवार को उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने टाना भगत समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राँची सहित गुमला, लोहरदगा, खूंटी, लातेहार और चतरा जिलों से आए अनेक टाना भगत उपस्थित रहे।
बैठक का उद्देश्य समुदाय से संबंधित लंबित मांगों, सामाजिक मुद्दों और प्रशासनिक सहयोग के माध्यम से इनका समाधान निकालना था। उपायुक्त ने सभी प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुना और विधिसम्मत तथा व्यावहारिक समाधान का स्पष्ट आश्वासन दिया।
स्वतंत्रता संग्राम में टाना भगतों की भूमिका को किया नमन
बैठक की शुरुआत में उपायुक्त श्री भजंत्री ने कहा कि टाना भगत केवल एक समुदाय नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के जीवंत अध्याय हैं। उन्होंने कहा —
“टाना भगतों ने सत्य, अहिंसा और स्वाभिमान के बल पर उस दौर में अंग्रेजी शासन को चुनौती दी थी। आज भी उनकी विचारधारा समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।”
उन्होंने कहा कि टाना भगतों ने जिस प्रकार सत्य और अनुशासन के साथ विदेशी शासन के खिलाफ आंदोलन किया, वैसी ही प्रेरणा आज भी सामाजिक सुधारों के लिए आवश्यक है।
‘नए अंग्रेजों’ के खिलाफ संघर्ष का आह्वान
बैठक के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने अत्यंत भावनात्मक लेकिन दृढ़ संदेश दिया —
“आप लोगों ने अंग्रेजों से आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी, अब समय है नए अंग्रेजों से लड़ने का।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि आज समाज को नशा, अफीम की खेती, अवैध शराब, अंधविश्वास, डायन-बिसाही जैसी कुरीतियों ने जकड़ रखा है। ये ही आज के “नए अंग्रेज” हैं जो समाज को गुलाम बना रहे हैं।
उपायुक्त ने कहा —
“अफीम की खेती और नशे की प्रवृत्ति गाँवों को खोखला कर रही है। अगर टाना भगत समाज ठान ले, तो इन बुराइयों का सफाया संभव है। जिस तरह आपने अंग्रेजों के खिलाफ सत्य और अहिंसा का मार्ग चुना था, उसी आत्मबल से अब समाज को इन कुरीतियों से मुक्त कीजिए।”
व्यवहारिक समाधान और प्रशासनिक सहयोग का भरोसा
टाना भगत प्रतिनिधियों ने भूमि विवाद, सामाजिक योजनाओं में प्राथमिकता, आवास, राशन, तथा समुदाय के लिए विशेष विकास योजनाओं की माँग रखी। उपायुक्त ने हर मुद्दे को विस्तार से सुना और कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान विधिक और व्यावहारिक दृष्टि से किया जाएगा।
उन्होंने जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि टाना भगतों से जुड़े लंबित मामलों की पहचान कर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन और टाना भगतों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद से ही दीर्घकालिक समाधान संभव है।
सामाजिक सुधार और जनजागरण की दिशा में कदम
उपायुक्त ने कहा कि टाना भगत अनुशासन और सादगी के प्रतीक हैं। उन्होंने अपील की कि यह समुदाय सामाजिक बुराइयों के खिलाफ प्रेरक भूमिका निभाए। उन्होंने कहा —
“अगर टाना भगत नशा मुक्ति, शिक्षा और स्वच्छता के अभियान में आगे आएँ, तो झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नया परिवर्तन देखा जा सकता है।”
उन्होंने प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में टाना भगतों के कल्याण और सामुदायिक विकास के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) श्री राजेश्वरनाथ आलोक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय, तथा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने टाना भगतों से संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को नोट किया।
संदेश का सार — “टाना भगत फिर से बने समाज सुधार के अग्रदूत”
बैठक का समापन करते हुए उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा —
“आजादी की लड़ाई में टाना भगतों की भूमिका इतिहास में अमर है। अब समय है कि वही समाज फिर से नए संघर्ष के पथ पर अग्रसर हो — नशा, हिंसा, और अंधविश्वास के खिलाफ।”
उन्होंने कहा कि संवेदनशील शासन और जागरूक समाज के संयुक्त प्रयास से ही समृद्ध और सशक्त झारखंड का निर्माण संभव है।

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