कोल्हान बंद का व्यापक असर: चाईबासा में आदिवासियों पर लाठीचार्ज के विरोध में सड़कों पर उतरे भाजपा कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन
चाईबासा । झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले मुख्यालय चाईबासा में बुधवार को आदिवासियों पर हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में बुलाए गए कोल्हान बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही आदिवासी सामाजिक संगठनों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और बंद को सफल बनाने में जुट गए।
सुबह से ही तांबो चौक, सदर बाजार, बस स्टैंड, थाना चौक और शहीद पार्क के आसपास सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बंद समर्थकों ने शांतिपूर्ण ढंग से बाजारों में घूमकर व्यापारियों से अपनी दुकानों को बंद रखने की अपील की। कई जगह कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन से लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
स्थानीय दुकानदारों और व्यवसायियों ने भी बंद का आंशिक समर्थन किया। सुबह खुले कई प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप और होटल बाद में बंद करा दिए गए। शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात सामान्य से काफी कम रहा, जिससे बाजार और बस स्टैंड क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, स्कूलों और निजी कार्यालयों में उपस्थिति भी प्रभावित रही।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों के साथ हुए अन्याय और दमनकारी रवैये के खिलाफ यह बंद पूरी तरह जनआक्रोश का प्रतीक है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आदिवासी हितों की रक्षा करने के बजाय उनकी आवाज़ को कुचलने का प्रयास किया है।
आदिवासी सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक बंद नहीं बल्कि आदिवासी अस्मिता और न्याय के लिए संघर्ष की शुरुआत है।
दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब तक स्थिति नियंत्रण में है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
बंद के कारण चाईबासा के साथ-साथ चक्रधरपुर, मंझारी, खूँटी और सरायकेला जैसे इलाकों में भी परिवहन और बाजार गतिविधियाँ प्रभावित रहीं। ग्रामीण इलाकों में भी बंद का असर देखा गया, जहाँ कई हाट-बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन लगभग ठप रहा।
जनता में प्रशासनिक रवैये को लेकर नाराज़गी स्पष्ट दिख रही है, जबकि संगठनों ने यह स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन न्याय मिलने तक जारी रहेगा।
Reviewed by PSA Live News
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4:52:00 pm
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