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विश्व ध्यान दिवस 21 दिसंबर को

ध्यान शरीर और मन के बीच एक संतुलन स्थापित करता है: संजय सर्राफ



रांची। 
श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के प्रवक्ता सह हिंदी साहित्य भारती के उपाध्यक्ष संजय सर्राफ ने कहा है कि विश्व ध्यान दिवस को प्रत्येक वर्ष 21 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 दिसंबर 2024 को आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य दुनिया भर में ध्यान मेडिटेशन की महत्ता, मानसिक शांति,स्वस्थ, जीवनशैली और विश्व में सद्भाव बनाए रखने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। यह पहला विश्व ध्यान दिवस 21 दिसंबर 2024 को मनाया गया और अब से हर वर्ष यह दिन वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाए जाने का कारण यह भी है कि यह दिन उत्तरी गोलार्ध के लिए वर्ष का सबसे छोटा दिन तथा सबसे लंबी रात का प्रतीक होता है, जिसे विंटर सोलस्टाइस  कहा जाता है। यह खगोलीय घटना उस पल का प्रतीक है जब प्रकृति में सबसे गहरा (अचल शांति) होता है, और इस दिन ध्यान का अभ्यास आंतरिक संतुलन, ऊर्जा और मानसिक स्थिरता की ओर जागरूकता बढ़ाता है। विश्व ध्यान दिवस की घोषणा का मुख्य उद्देश्य है कि ध्यान की प्राचीन परंपरा और इसके वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित लाभों को विश्व स्तर पर पहचान मिले। ध्यान न केवल मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और सामाजिक सद्भाव के निर्माण में भी योगदान देता है। इस दिवस को घोषित करने के पीछे संयुक्त राष्ट्र का विचार यह है कि हर व्यक्ति को उच्चतम संभव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आनंद लेने का अधिकार है।ध्यान एक ऐसा अभ्यास है, जो हजारों वर्ष से भारत सहित अनेक आध्यात्मिक परंपराओं में प्रचलित रहा है। आज इसे न केवल आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद और चिंता को नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक रूप से भी स्वीकार किया जा रहा है। शोध के अनुसार नियमित ध्यान करने से तनाव कम होता है,एकाग्रता बढ़ती है, नींद में सुधार होता है,और हृदय तथा तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव आते हैं।ध्यान शरीर और मन के बीच एक संतुलन स्थापित करता है,जिससे व्यक्ति दैनिक जीवन कीचुनौतियों का सामना अधिक शांत और समायोजित तरीके से कर पाता है। विश्व ध्यान दिवस का प्रचलन मानव जीवन में कई तरह की सकारात्मक ऊर्जा। और जागरूकता लाता है-यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में आंतरिक शांति और मानसिक स्थिरता कितनी महत्वपूर्ण है।यह मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का एक वैश्विक संदेश देता है।यह लोगों को तनाव,चिंता और नकारात्मक विचारों से मुक्त होने के लिए ध्यान को अपनाने की प्रेरणा देता है। यह विश्व समुदाय को एक साझा उद्देश्य-शांति, सद्भाव और सहयोग की दिशा में जोड़ता है। विश्व ध्यान दिवस पर दुनियाभर में समर्पित ध्यान सत्रों, समूह अभ्यास, योग और ध्यान कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। विभिन्न संगठन, योग एवं ध्यान केंद्र, शैक्षणिक संस्थान और समाजसेवी समूह इस अवसर को एकजुटता और सकारात्मक ऊर्जा फैलाने के अवसर के रूप में मनाते हैं। कुछ आयोजन ऐसे भी होते हैं जहां हजारों लोग एक साथ ध्यान के लिए इकट्ठा होते हैं और अपने मन को शांत करने एवं एकीकृत चेतना का अनुभव प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। विश्व ध्यान दिवस न केवल एक तारीख है, बल्कि यह जीवन में शांति, सहिष्णुता, मानसिक स्वास्थ्य और सामूहिक सद्भाव को बढ़ावा देने का वैश्विक अभियान है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि सच्ची शांति भीतर से आती है और एक शांत मन ही हमें व्यक्तिगत व सामाजिक संघर्षों से मुक्त कर सकता है। ध्यान के माध्यम से हम केवल व्यक्तिगत कल्याण नहीं पा सकते, बल्कि यह समूचे विश्व को एक सकारात्मक, शांतिपूर्ण और संतुलित दिशा में ले जाने का मार्ग भी प्रदान करता है।

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