स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बताया ‘भ्रम फैलाने की कोशिश’
रांची। चाईबासा में चार माह के एक शिशु के शव को कथित रूप से थैले में ले जाने की घटना सामने आने के बाद राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, वहीं सोशल मीडिया पर भी तस्वीरों और दावों के साथ तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
हालांकि, इस पूरे प्रकरण पर अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मामले को तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर और आधे-अधूरे सच के आधार पर प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था और डॉक्टरों की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संबोधित एक सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट किया कि जिस बच्चे को कुछ लोगों द्वारा 4 वर्ष का बताया जा रहा था, वह वास्तव में महज 4 माह का शिशु था। मंत्री ने आरोप लगाया कि जानबूझकर गलत जानकारी फैलाकर न केवल आम जनता को भ्रमित किया गया, बल्कि पूरे मेडिकल सिस्टम को बदनाम करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार हल्के में नहीं ले रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए गए हैं और यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या नियमों की अनदेखी पाई जाती है, तो संबंधित दोषियों के खिलाफ कड़ी और अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इस तरह की घटनाओं पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरे तथ्यों और जांच रिपोर्ट का इंतजार करें, न कि अफवाहों और अधूरी सूचनाओं पर भरोसा करें।
उधर, विपक्ष का कहना है कि यह घटना ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है और सरकार को केवल सफाई देने के बजाय व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
फिलहाल, चाईबासा की यह घटना राज्य भर में चर्चा का विषय बनी हुई है और अब सबकी नजरें सरकार द्वारा कराई जा रही जांच और उसके निष्कर्ष पर टिकी हैं।
Reviewed by PSA Live News
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6:23:00 pm
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