संपादक-अशोक झा।
रांची। अपनी सेवा नियमितिकरण को लेकर लगातार 11वें दिन एनआरएचएम के अंतगर्त अनुबंध पर कार्यरत एएनएम व जीएनएम कर्मियों ने गुरूवार को जाकीर हुसैन पार्क से कचहरी होते हुए राजभवन तक आक्रोश रैली निकालकर कुंभकरणी सरकार के विरूद्व नारेबाजी की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि हम महिलाएं अपनी वाजिब मांग को लेकर 24 जून से रात-दिन लगातार राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हुए है। लेकिन इस सरकार को जरा सा भी शर्म नाम की चीज नहीं है, कि महिलाएं होकर रात में भी अपने घर व बाल-बच्चों को छोड़कर यहां बैठी हुई है। क्या नेता या बड़े पदाधिकारियों की मां-बहन इस तरह धरना देती तो वे लोग उसकी मांग पूरा नहीं करते। हमनें कौन सी नया या अटपटा चीज मांग रहे जिसे सरकार पूरा नहीं कर पा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कई बार स्थायी नियुक्ति के लिये वादा किये जिसे पूरा नहीं किया गया है।
जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो होगा आमरण-अनशन- प्रदेश के उप कोषाध्यक्ष प्रेमा वाड़ा ने कहा कि यदि हमारी एक सूत्री मांग को नही माना गया तो जल्द ही आमरण-अनशन प्रारंभ किया जाएगा। यह सरकार लोकतांत्रिक या तालीबानी, समक्ष से परे है। यदि सरकार यह सोचती है कि कुछ दिनों के बाद ये धरना समाप्त हो जाएगी, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। जब तक स्थायी नियुक्ति के लिए जेएसएससी से विज्ञापन नहीं निकाला जाएगा, तब तक धरना व हड़ताल जारी रहेगा। आज गुरूवार होने के नाते पूरे राज्य में नियमित टीकाकरण कार्य ठप रहा, लेकिन सरकार को आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार हमारी नियमित नियुक्ति के लिये हर बार सिर्फ आश्वासन देती है, जब काम करने की बारी आती है, तभी चुप्पी साध लेती है। यही है लोकतंत्र की सरकार। आक्रोश रैली में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्याध्यक्ष गोपाल शरण सिंह, संरक्षक सुशील तिग्गा, जीतवाहन उरांव, एनआरएचएम संघ के कार्यकारी महासचिव वीणा कुमारी, रानीबाला, मीनू कुमारी, वंदना कुमारी, अनुपम कुमारी, सुनीता भूतकुमार आदि शामिल थी।
रांची। अपनी सेवा नियमितिकरण को लेकर लगातार 11वें दिन एनआरएचएम के अंतगर्त अनुबंध पर कार्यरत एएनएम व जीएनएम कर्मियों ने गुरूवार को जाकीर हुसैन पार्क से कचहरी होते हुए राजभवन तक आक्रोश रैली निकालकर कुंभकरणी सरकार के विरूद्व नारेबाजी की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि हम महिलाएं अपनी वाजिब मांग को लेकर 24 जून से रात-दिन लगातार राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हुए है। लेकिन इस सरकार को जरा सा भी शर्म नाम की चीज नहीं है, कि महिलाएं होकर रात में भी अपने घर व बाल-बच्चों को छोड़कर यहां बैठी हुई है। क्या नेता या बड़े पदाधिकारियों की मां-बहन इस तरह धरना देती तो वे लोग उसकी मांग पूरा नहीं करते। हमनें कौन सी नया या अटपटा चीज मांग रहे जिसे सरकार पूरा नहीं कर पा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कई बार स्थायी नियुक्ति के लिये वादा किये जिसे पूरा नहीं किया गया है।
जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो होगा आमरण-अनशन- प्रदेश के उप कोषाध्यक्ष प्रेमा वाड़ा ने कहा कि यदि हमारी एक सूत्री मांग को नही माना गया तो जल्द ही आमरण-अनशन प्रारंभ किया जाएगा। यह सरकार लोकतांत्रिक या तालीबानी, समक्ष से परे है। यदि सरकार यह सोचती है कि कुछ दिनों के बाद ये धरना समाप्त हो जाएगी, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। जब तक स्थायी नियुक्ति के लिए जेएसएससी से विज्ञापन नहीं निकाला जाएगा, तब तक धरना व हड़ताल जारी रहेगा। आज गुरूवार होने के नाते पूरे राज्य में नियमित टीकाकरण कार्य ठप रहा, लेकिन सरकार को आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार हमारी नियमित नियुक्ति के लिये हर बार सिर्फ आश्वासन देती है, जब काम करने की बारी आती है, तभी चुप्पी साध लेती है। यही है लोकतंत्र की सरकार। आक्रोश रैली में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्याध्यक्ष गोपाल शरण सिंह, संरक्षक सुशील तिग्गा, जीतवाहन उरांव, एनआरएचएम संघ के कार्यकारी महासचिव वीणा कुमारी, रानीबाला, मीनू कुमारी, वंदना कुमारी, अनुपम कुमारी, सुनीता भूतकुमार आदि शामिल थी।
अब धरनार्थियों का धेर्य दे रहा जबाब, किया जाएगा आमरण-अनशन-प्रेमा वाड़ा
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11:15:00 am
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