स्थानीय नीति की माँग को लेकर चरणबद्ध तरीक़े से आंदोलन किया जा रहा है. माटी का स्वाभिमान आंदोलन के माध्यम से लगातार खतियान आधारित स्थानीय नीति की माँग की जा रही है. आंदोलन को जीवंत बनाए रखने के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. हर झारखंडी जन को इसमें शामिल किया जाएगा. हर घर में दस्तक देकर स्थानीय नीति का संदेश पहुँचाया जाएगा. उनसे सहयोग भी लिया जाएगा।
क्या है नीति के लिए निधि अभियान
इस अभियान में माटी का स्वाभिमान आंदोलन के आंदोलनकारी घर - घर जाकर 32 रुपया का दान लेंगे. अभियान के तहत राज्य के 4402 पंचायतों के भीतर अभियान को पहुँचाया जाएगा. हर पंचायत की एक कमिटी होगी जो अपने पंचायत के 1932 लोगों से 32 - 32 रुपए का धन संग्रह करेंगे. संग्रह निधि से पंचायत और प्रखंड स्तर के आंदोलन किए जाएँगे. इस निधि का उपयोग आंदोलन में किया जाएगा.
इसके लिए हर ज़िले में कमिटी बनायी जा रही है. हज़ारीबाग़ के कटकमसांडी से अभियान की शुरुआत की जा रही है. झारखंड की स्थानीय नीति जन-जन की माँग है. इसका निर्माण जन नीति के तौर पर होना है. जिसमें व्यापक जनकल्याण निहित है. राज्य के भीतर लगातार आंदोलन चल रहा है. आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए इसमें जन सहयोग की भावना को शामिल किया जा रहा है. इसके तहत हर खतियानी झारखंडी से सहयोग लिया जाएगा
माटी का स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक संजय मेहता ने बताया की जन निधि से झारखंड के मूल निधि को बचाने का यह अभियान है. झारखंड को अब एक संरक्षण की ज़रूरत है. झारखंड के जन भावनाओं को राजनीतिक सत्ता ने हमेशा कुचला है. अब जन भागीदारी सुनिश्चित कर झारखंड के युवा इसमें अपनी भूमिका अदा करेंगे. इस अभियान के माध्यम से निधि समर्पण और जन समर्पण दोनों सुनिश्चित की जाएगी. इस आंदोलन में झारखंडी जनमानस का व्यापक जन समर्थन मिल रहा है।
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