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जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक कुमार झा ने रांची के सांसद संजय सेठ से मिलकर डिजिटल मीडिया के प्रति सरकार के रवैये पर आवाज़ उठाने का आग्रह किया

 


रांची।
पत्रकारों का राष्ट्रीय स्तर का संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य अशोक कुमार झा ने रांची के सांसद संजय सेठ से मिलकर पिछले कुछ दिनों से डिजिटल मीडिया में हजारीबाग के एसपी के बयान के बाद मची तूफान से अवगत कराया। उन्होने संस्था के द्वारा एक पत्र के माध्यम से सांसद को बताया कि कुछ दिनों से झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय और पुलिस मुख्यालय के बीच हुए कुछ पत्राचार के बाद से पूरे डिजिटल मीडिया (वेब मीडिया और यूट्यूब) के पत्रकारों में एक भय सा बैठ गया है कि पता नहीं कब किस पत्रकार को फर्जी पत्रकार की संज्ञा देकर उसे शासन द्वारा कब किस रूप में प्रतारणा झेलना पड़े । 



अशोक झा ने सांसद को उस पत्र के बारे विस्तार से बताया कि उस पत्राचार के माध्यम से सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा पुलिस बिभाग को जो मीडिया की सूची दी गई है, उसमें सिर्फ उन्हीं को शामिल किया गया है जिसे सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा विज्ञापन का लाभ दिया जाता है, जिनकी संख्या काफी कम है । परंतु इसमें उन छोटे मीडिया हाउस को शामिल नहीं किया गया है जो बिना किसी सरकारी विज्ञापन के खुद अपने खर्चे से हमेशा अपनी जान को जोखिम में डालकर इसलिए कार्य करती है, क्योकि पत्रकारिता उनके लिये कोई आमदनी का जरिया नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा और जुनून है । जबकि इनमें से अधिकांश छोटे मीडिया (डिजिटल मीडिया) ऐसे हैं जो सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय में कई सालों से सूचीबद्ध भी है और समय समय पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी आयोजनों के लिए आमंत्रित भी किया जाता रहा है । परंतु उसका जिक्र भी सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी अपने पत्र में नहीं किया गया है। जिससे पुलिस विभाग को शासन के खिलाफ कोई खवर चलाने पर उन सभी पत्रकारों के ऊपर आपराधिक मामला चलाने का एक अच्छा खासा मौका मिल सकता है, जो डिजिटल मीडिया को कुचलने की एक बहुत बड़ी साजिस-सी लगती है। जिसे केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का बहाना बनाया जा रहा है।  



परंतु यहाँ एक बड़ा सवाल यह है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा कोई ऐसा एसओपी जारी किया गया है तो वह पूरे देश के लिए किया गया होगा, न कि सिर्फ झारखंड के लिये । और अगर कोई ऐसा एसओपी केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है तो उसे सार्वजनिक क्यो नहीं किया जा रहा है, जिससे हम सभी को यह समझने में आसानी हो सके कि केंद्र सरकार के द्वारा आखिर इस संबंध में क्या एसओपी जारी किया गया है । 



उन्होने सांसद द्वारा पिछले महीने डिजिटल मीडिया (वेब मीडिया और यूट्यूब) के पत्रकारों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर एक नियमावली बनाने और इन चैनलों को मान्यता देने और उनके निबंधन की प्रक्रिया शुरू करने का जो आग्रह किया था तथा सांसद से कहा कि  हमारा संगठन “जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया” आपसे इस नई समस्याओं के समाधान की दिशा में भी कोई सकारात्मक पहल की काफी उम्मीद करती है । जिसपर सांसद ने अपनी तरफ से पत्रकारों के हित में हर संभव कोशिश करने का वचन दिया ।

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक कुमार झा ने रांची के सांसद संजय सेठ से मिलकर डिजिटल मीडिया के प्रति सरकार के रवैये पर आवाज़ उठाने का आग्रह किया जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक कुमार झा ने रांची के सांसद संजय सेठ से मिलकर डिजिटल मीडिया के प्रति सरकार के रवैये पर आवाज़ उठाने का आग्रह किया Reviewed by PSA Live News on 9:01:00 am Rating: 5

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