कई वर्षो से सरई थाने में पदस्थ, टीआई की हो रही जमकर किरकिरी
सिंगरौली। जिले के सरई थाने में चर्चित आरक्षक सदन यादव की इन दिनों जमकर चर्चा क्षेत्र में हो रही है। बताया जाता है कि आरक्षक क्षेत्र में रेत की चोरी में कहीं न कहीं संलिप्त है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जाती है कि उक्त आरक्षक कई वर्षों से सरई थाने में पदस्थ है। जिसके चलते खुलेआम अवैध कार्यो को अंजाम देने में सहभागिता निभा रहा है। आरक्षक के इस क्रिया कलाप के चलते सरई थाने के टीआई की जमकर किरकिरी हो रही है।
सूत्रों की बातों पर गौर करें तो सरई थाने में आरक्षक सदन यादव कई वर्षो से पदस्थ हैं। कई वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ होने के चलते क्षेत्र में इनकी साठ गांठ अवैध कार्यों में संलिप्त कारोबारियो से अच्छी बताई जाती है। यही वजह है कि एक-एक अवैध कारोबारी उक्त आरक्षक से गठजोड़ बनाकर चल रहे हैं। सूत्र तो यह भी दावा करते हैं कि आरक्षक अवैध कारोबारी के साथ-साथ खुद रेत के कारोबार में संलिप्त हैं। सरई थाना क्षेत्र के इटमा, शिवगढ़, बेलगांव, कोनी, हट्टा, दुधमनिया और भरसेड़ा के कुछ तथाकथित लोग जो इस कारोबार में जुड़े हुए हैं। वह बताते हैं कि आरक्षक खुद ट्रैक्टर के माध्यम से अवैध रेत की निकासी करवाते हैं। सरई के इलाके में दिन हो या रात 24 घंटे ट्रैक्टरों की धमा चौकड़ी देखी जा रही है। रेत कारोबारी सुबह से लेकर शाम तक रेत की चोरी कर रहे हैं। बताया जाता है कि कारोबारियो से आरक्षक सदन यादव की अच्छी पैंठ जमी हुई है। जिसके चलते जमकर अवैध रेत की चोरी की जा रही है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि आरक्षक के जो भी अवैध कारोबार में संलिप्त कारोबारी है। उन कारोबारी की पहुंच सरई टीआई तक नहीं है। न हीं सरई टीआई को कानों कान इसकी भनक है। खुद जिम्मेदार अधिकारी को झांसे में रखकर उक्त आरक्षक अवैध रेत की चोरी करने में संलिप्त बताया जाता है। आरक्षक के इस क्रियाकलाप के कारण क्षेत्र में चर्चा का विषय तो बना ही हुआ है साथ ही टीआई की भी किरकिरी हो रही है।
प्रति ट्रैक्टर 5 हजार की करता है वसूली सूत्रों की बातों पर गौर करें तो सरई थाने में पदस्थ आरक्षक सदन यादव के द्वारा घोघरा, इटमा, शिवगढ़, बेलगांव,कोनी, हट्टा, दुधमनिया और भरसेड़ा आदि क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार में चल रहे ट्रैक्टरों से प्रति रात्रि 5000 की बेजा वसूली की जाती है। कई कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसकी जानकारी टीआई को नहीं है। हकीकत क्या है कोई नहीं जानता कि इस कारोबार में जिम्मेदार की भूमिका है कि नहीं। फिर भी जिस तरीके से बताया गया उससे यह प्रतीत होता है कि आरक्षक का क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और अपने हनक के बल पर अवैध कारोबारियो से वसूली करते हुए अपनी हनक बनाया हुआ है।
राजनीतिक पकड़ का देता है धौंस
सूत्रों की बातों पर गौर करें तो सरई थाने में पदस्थ आरक्षक सदन यादव की पकड़ राजनीतिक है। कुछ कारोबारी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के जो खास हैं। वह मेरे खास हैं। मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। शायद यही वजह है कि कई वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ हैं। कुछ महीनो के लिए इधर से उधर हुए थे लेकिन फिर जाकर सरई में ही जमे हुए हैं। बताया जाता है कि आम जनता को डराने के साथ-साथ ज्यादातर अवैध कारोबारियो में अपनी छाप छोडे़ हुए हैं। सवाल तो यह भी है कि उक्त आरक्षक के कृत्यों को लेकर अभी तक सरई प्रभारी को इसकी भनक क्यों नहीं लगी या फिर जानबूझकर अनजान बने हुए हैं। इस समस्या को लेकर क्षेत्र वासियों ने पुलिस अधीक्षक का ध्यान आकृष्ट कराया है।

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