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गृह-गृह में गूंजा यज्ञ का मंगल घोष: रांची जिले में 24 लाख घरों में सम्पन्न हुआ गायत्री यज्ञ

बुद्ध पूर्णिमा पर युग ऋषि के संकल्प का साकार रूप, सैनिकों की विजय और राष्ट्र कल्याण हेतु दी गई विशेष आहुति


रांची। 
वैशाख मास की पूर्णिमा और बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर सोमवार, 12 मई 2025 को अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुञ्ज हरिद्वार के तत्वावधान में "गृह-गृह यज्ञ, जन-जन में सद्बुद्धि" अभियान के अंतर्गत रांची जिला सहित देश-विदेश के 24 लाख घरों में एक साथ यज्ञ का दिव्य आयोजन संपन्न हुआ। रांची मुख्य शक्तिपीठ सेक्टर टू धुर्वा, प्रज्ञापीठ बस स्टैंड, अलकापुरी, टाटीसिलवे चेतना केंद्र समेत अनेक प्रखंडों और पंचायतों में एक साथ यह महायज्ञ हुआ।

कार्यक्रम का उद्घोष रहा:
“घर-घर में हम यज्ञ रचाएँ, आओ भारत सबल बनाएँ।” “यज्ञ रूप प्रभो! हमारे भाव उज्जवल कीजिए।”

गायत्री महामंत्र के सामूहिक जप, प्रज्ञा गीतों के सस्वर गायन और वेदमंत्रों की मंगल ध्वनि से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। कार्यक्रम का संचालन समर्पित परिजनों व यज्ञ पुरोहितों ने सुबह 9 से 12 बजे तक किया। यज्ञ के दौरान विशेष रूप से भारतीय सेना की रक्षा, देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के पराक्रम व आत्मबल की वृद्धि तथा राष्ट्र की समृद्धि के लिए महामंत्रों के माध्यम से आहुतियाँ दी गईं।

यज्ञ का उद्देश्य व संदेश:
शुरुआत में समूह चर्चा में वक्ताओं ने बताया कि गायत्री और यज्ञ सनातन संस्कृति के आधारस्तंभ हैं, जिन्हें वेदों में माता-पिता कहा गया है। यज्ञ से घरों में शुद्धता, सुसंस्कारिता, स्वास्थ्य और समृद्धि का वातावरण निर्मित होता है। यह एक वैज्ञानिक, आध्यात्मिक व सामाजिक साधना है जो युग परिवर्तन का आधार है। परम् पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के युग संकल्पों को स्मरण कर युग चेतना का आह्वान किया गया।

विशेष प्रसंगों का स्मरण:
बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की जीवन गाथा और त्यागमय तपस्वी जीवन का स्मरण किया गया। साथ ही प्रज्ञा आंदोलन, अखंड ज्योति मासिक पत्रिका, युग साहित्य और युग धर्म विषयों पर भी प्रकाश डाला गया।

ज्योति कलश रथ यात्रा की चर्चा:
पिछले दिनों रांची जिले के गांव-गांव में निकली दिव्य ज्योति कलश रथयात्रा और पूजन-अर्चन के कार्यक्रमों से जुड़े श्रद्धालु परिजनों की सक्रिय सहभागिता की सराहना की गई।

आह्वान:
यज्ञीय अनुष्ठानों में वक्ताओं ने कहा कि आसन्न वैश्विक संकटों से निपटने और मानवता की रक्षा हेतु यह यज्ञ अभियान एक महाप्रयोग है, जिसमें समाज के हर वर्ग की सहभागिता स्वागतयोग्य है।

कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ, मंगलकामना और जयघोष – "भारत माता की जय", "गायत्री माता की जय", "युग ऋषि की जय" के साथ हुआ।

आज के दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 24 घंटे का ऑनलाइन जप-अनुष्ठान भी विभिन्न समूहों द्वारा किया गया, जिसमें रांची से कई इकाइयों ने सक्रिय भागीदारी की।

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