राँची, 11 मई । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आगामी तीन माह—मई, जून और जुलाई 2025—के खाद्यान्न आवंटन को लेकर आज राँची समाहरणालय सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी राँची, श्रीमती मोनी कुमारी, तथा जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी, श्री प्रदीप भगत ने संयुक्त रूप से की। इसमें सभी प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी, सहायक गोदाम प्रबंधक, हथालन व परिवहन अभिकर्ता, लेबर सरदार समेत संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का प्रमुख उद्देश्य आगामी तीन महीनों के खाद्यान्न का भण्डारण एवं त्वरित वितरण की योजना को प्रभावी रूप देना था। इसमें निर्देश दिया गया कि माह मई 2025 के खाद्यान्न का वितरण लाभुकों के बीच शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए, वहीं जून एवं जुलाई 2025 के लिए आवंटित खाद्यान्न का अग्रिम भण्डारण व वितरण एक साथ किया जाए, ताकि किसी भी संभावित आपूर्ति बाधा को पहले से ही रोका जा सके।
खाद्यान्न की शीघ्र आपूर्ति के लिए युद्धस्तर पर कार्य
विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया कि संबंधित परिवहन सह हथालन अभिकर्ता, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के डीपो से आवंटित खाद्यान्न को शीघ्रता से प्राप्त करें एवं अधिकतम परिवहन वाहनों के माध्यम से जन वितरण प्रणाली (PDS) की दुकानों तक खाद्यान्न पहुँचाना सुनिश्चित करें।
जन वितरण प्रणाली दुकानदारों को सख्त चेतावनी
बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया कि जिन जन वितरण प्रणाली दुकानदारों को खाद्यान्न प्राप्त हो चुका है, वे लाभुकों को समयबद्ध एवं पूरी पारदर्शिता से वितरण करें। किसी भी प्रकार की अनियमितता, कालाबाजारी या लाभुकों से दुर्व्यवहार की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा में अन्य आपूर्ति विषयों पर भी हुए निर्णय
बैठक में अन्य आपूर्ति संबंधी बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई और कई दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिनमें गोदामों की सुरक्षा, खाद्यान्न के रखरखाव की निगरानी, लाभुक सूची का अद्यतन, और वितरण रिपोर्टिंग की पारदर्शिता जैसे मुद्दे शामिल थे।
यह बैठक NFSA के तहत लाभुकों तक समयबद्ध खाद्यान्न पहुँचाने की दिशा में एक बड़ी रणनीतिक पहल मानी जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने संकेत दिया कि भविष्य में इस प्रकार के अग्रिम भण्डारण और वितरण को आदर्श व्यवस्था के रूप में अपनाया जा सकता है, जिससे आपातकालीन या मानसूनजनित परिस्थितियों में भी खाद्यान्न आपूर्ति बाधित न हो।

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