जेपीएससी रिजल्ट पर सख्त हुए राज्यपाल, आयोग से मांगा जवाब — मई तक नहीं आया परिणाम तो जून में होगा आंदोलन: देवेन्द्रनाथ महतो
रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट में हो रहे लगातार विलंब के खिलाफ छात्रों और संगठनों का दबाव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। शनिवार को 'झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा' के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्रनाथ महतो के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय शिष्टमंडल ने राज्यपाल महामहिम संतोष गंगवार से मुलाकात कर आयोग की कार्यशैली और परीक्षाफल में हो रही देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
राज्यपाल ने लिया संज्ञान, आयोग से मांगा जवाब
प्रतिनिधिमंडल से विस्तृत जानकारी लेने के बाद राज्यपाल ने तत्काल टेलीफोनिक वार्ता के माध्यम से जेपीएससी से रिजल्ट विलंब पर जवाब तलब किया और निर्देश दिया कि यथाशीघ्र परीक्षाफल प्रकाशित किया जाए। राज्यपाल के सख्त रुख के बाद आयोग ने जल्द परिणाम जारी करने का सकारात्मक आश्वासन दिया है।
छात्रों और अभ्यर्थियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
राजभवन के बाहर प्रेस को संबोधित करते हुए देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि,
"जेपीएससी द्वारा लगातार परीक्षाफल में देरी सरकार की उदासीनता और आयोग की निष्क्रियता को दर्शाता है। यह देरी सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सेटिंग-गेटिंग और धांधली की बू देता है।"
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि मई माह के अंतिम सप्ताह तक परीक्षाफल प्रकाशित नहीं हुआ, तो उनका संगठन जून में राज्यव्यापी आंदोलन करेगा, जिसमें छात्रों और अभिभावकों का जन समर्थन भी शामिल होगा।
इन परीक्षाओं के परिणाम की हो रही है प्रतीक्षा
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को जिन लंबित मामलों की जानकारी दी, उनमें शामिल हैं:
- 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा
- फॉरेस्ट रेंजर ऑफिसर
- फूड सेफ्टी सिक्योरिटी ऑफिसर
- असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया
इन सभी मामलों में वर्षों से चयन प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है, जिससे हजारों अभ्यर्थी मानसिक तनाव और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में ये प्रमुख सदस्य रहे शामिल
राज्यपाल से मिलने वाले शिष्टमंडल में शामिल थे:
- देवेन्द्रनाथ महतो (केन्द्रीय उपाध्यक्ष, झा.लो.क्रां.मो.)
- सत्यनारायण शुक्ला
- हर्षित सिंह
- श्याम तिवारी
- चंदन कुमार रजक
- अजित महतो
छात्र आंदोलन के दबाव में आई सरकार
ज्ञात हो कि सिविल सेवा के अभ्यर्थी पिछले 10 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। शुक्रवार को डुमरी विधायक जयराम महतो ने गवर्नर से मुलाकात कर छात्रों के हित में हस्तक्षेप किया और सकारात्मक आश्वासन दिलवाया, जिसके बाद आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया।
शनिवार को राज्यपाल ने पुनः छात्रों को बुलाकर संवाद किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब जेपीएससी को जवाब देना ही होगा।
जेपीएससी की निष्क्रियता के विरुद्ध यह चेतावनी अब केवल आंदोलन की धमकी नहीं, बल्कि एक संगठित जनप्रतिरोध का संकेत है — मई में परिणाम नहीं आया तो जून में झारखंड की सड़कों पर उबाल तय है।

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