लातेहार, 1 मई 2025:
लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ओरसापाट गांव में बुधवार देर रात नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया। नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य में लगे दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया और निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे मुंशी मोहम्मद अयूब की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात करीब 10 बजे करीब 15-20 की संख्या में हथियारबंद नक्सली ओरसापाट गांव पहुंचे। उन्होंने पहले निर्माण स्थल पर खड़ी एक जोसीबी मशीन को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी, जिससे वह पूरी तरह जलकर खाक हो गई। एक अन्य वाहन—डंपर या ट्रैक्टर—को भी आग के हवाले करने की कोशिश की गई, लेकिन वह केवल आंशिक रूप से ही क्षतिग्रस्त हुआ।
इसके बाद नक्सलियों ने निर्माण कार्य देख रहे मुंशी मोहम्मद अयूब को पकड़ लिया। पहले उसे बेरहमी से पीटा गया, फिर कुछ ही देर बाद पास से गोली मार दी गई। गोली लगने से अयूब की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अयूब पिछले कई महीनों से उस निर्माण साइट पर काम देख रहा था और किसी ठेकेदार का प्रतिनिधि था।
स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। घटना स्थल की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया है। हालांकि, अभी तक किसी नक्सली की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने कहा, “यह घटना पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) या टीएसपीसी जैसे सक्रिय नक्सली संगठनों की करतूत हो सकती है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि नक्सली निर्माण कार्य से 'लेवी' की मांग कर रहे थे, और जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने यह हमला किया।”
उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और घटनास्थल के आसपास ड्रोन और खोजी दस्तों के माध्यम से तलाशी ली जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और नक्सल नीति पर सवाल
इस घटना के बाद राज्य सरकार की नक्सल नीति एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा घोषित ‘विकास के माध्यम से नक्सल उन्मूलन’ नीति ज़मीन पर केवल कागज़ी साबित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की संख्या कम होने और खुफिया तंत्र की विफलता से नक्सलियों को दोबारा संगठित होने का मौका मिल रहा है।

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