ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमला: शशि थरूर समेत सात सांसद करेंगे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदुस्तान की नुमाइंदगी
विस्तृत समाचार रिपोर्ट:
पहालगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके जवाब में सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद अब हिंदुस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर व्यापक कूटनीतिक घेराबंदी की रणनीति को अमल में लाना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में 23 मई से एक विशेष सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विश्व के प्रमुख देशों की यात्रा पर रवाना होगा। इन सांसदों का मिशन साफ है—पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से व्यापक समर्थन जुटाना।
इस अहम मिशन के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया गया है। हर प्रतिनिधिमंडल एक प्रमुख राजधानी का दौरा करेगा। इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश, रणनीतिक साझेदार और वैश्विक प्रभावशाली देश शामिल हैं।
शशि थरूर का बयान– ‘राष्ट्रीय सेवा सर्वोपरि’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद डॉ. शशि थरूर को इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा गया है। इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात हो और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं हमेशा उपलब्ध रहूंगा। जय हिंद!”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने किया स्पष्ट
इस मुद्दे पर कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा कर चार नामों की मांग की थी। 16 मई को कांग्रेस की ओर से निम्नलिखित चार सांसदों के नाम प्रस्तावित किए गए:
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आनंद शर्मा – पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री
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गौरव गोगोई – कांग्रेस के लोकसभा में उपनेता
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डॉ. सैयद नसीर हुसैन – राज्यसभा सांसद
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राजा बरार – लोकसभा सांसद
कांग्रेस ने साफ किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पार्टी हरसंभव सहयोग को तैयार है, बशर्ते प्रक्रिया पारदर्शी और समान भागीदारी वाली हो।
सात प्रतिनिधिमंडलों की रूपरेखा
भारत सरकार द्वारा गठित इन सात प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न दलों के सांसदों को शामिल किया गया है। इनमें से चार नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से हैं, जबकि तीन विपक्षी INDIA गठबंधन से हैं। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग रणनीतिक देशों की यात्रा करेगा।
प्रतिनिधिमंडल नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता:
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डॉ. शशि थरूर (कांग्रेस)
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रविशंकर प्रसाद (बीजेपी)
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बैजयंत जय पांडा (बीजेपी)
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संजय झा (JDU)
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कनिमोई (DMK)
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सुप्रिया सुले (NCP-शरद पवार गुट)
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श्रीकांत शिंदे (शिवसेना-शिंदे गुट)
रणनीतिक महत्व
इस कूटनीतिक यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है—पाकिस्तान की आतंक नीति को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करना, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए हिंदुस्तान की आतंक के खिलाफ नीति को मजबूत करना, और वैश्विक सहयोग सुनिश्चित करना। इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल यह संदेश भी देगा कि भारत में राष्ट्रहित के मुद्दों पर राजनीतिक एकता संभव है।
हिंदुस्तान की यह पहल न केवल पाकिस्तान की असलियत को उजागर करने की कोशिश है, बल्कि यह भी संकेत है कि आतंकी हमलों के जवाब अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि सामरिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर दिए जाएंगे। शशि थरूर जैसे विपक्षी नेता की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है, राजनीति बाद में।

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