“धर्म जीवन जीने की श्रेष्ठ पद्धति है, केवल पूजा नहीं” – स्वामी जी का संदेश
रांची। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर, वेदांत विचारों के प्रखर प्रवक्ता एवं संत शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेव श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज का शनिवार शाम 5 बजे रांची एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। उनके प्रथम आगमन पर प्रभु प्रेमी संघ, गौ माता सेवा समिति एवं सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा, माल्यार्पण, अंगवस्त्र एवं जयघोष के साथ गरिमामय अभिनंदन किया। पूरा परिसर "हर हर महादेव" और "जय श्रीराम" के घोष से गूंज उठा।
स्वामी जी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में श्रद्धालुओं को प्रेम, करुणा और धर्म के पथ पर चलने का संदेश देते हुए कहा, "धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जीवन जीने की श्रेष्ठतम पद्धति है जो समाज को संतुलन, मर्यादा और शांति का मार्ग दिखाती है।"
उन्होंने हाल ही में सफल हुए ‘सिंदूर ऑपरेशन’ पर भारतीय सेना के साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह पराक्रम हिंदुस्तान की सुरक्षा और आत्मबल का प्रमाण है, और इस अभियान की पूर्णता अभी शेष है।
स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज रांची से सड़क मार्ग द्वारा जमशेदपुर के लिए प्रस्थान कर गए, जहां वे दो दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
- 18 मई (संध्या 5 बजे): कुसुम कामिनी ऑडिटोरियम, बिष्टुपुर में प्रवचन।
- 19 मई (प्रातः 8:30 बजे): गुजराती सनातन समाज, बिष्टुपुर द्वारा आयोजित दर्शन एवं दीक्षा कार्यक्रम।
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी और श्रद्धालुओं में मनोज बगड़िया, प्रमोद बजाज, मुकेश पोद्दार, राजकुमार गाड़ोदिया, डॉ. साक्षी बगड़िया, शिखा बगड़िया, गोपाल मेवाड़िया, किशन गोयल, महेश सुरेखा, श्रेया बजाज सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी समिति के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने दी।

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