तेज प्रताप की RJD से बेदखली पर बोले तेजस्वी – "ये सब हमें बर्दाश्त नहीं", रोहिणी ने बताया पारिवारिक मर्यादा का उल्लंघन
पटना। राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद अब यादव परिवार के अन्य सदस्यों की भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। एक ओर तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि वे "ऐसे कृत्य को न तो पसंद करते हैं और न ही बर्दाश्त", वहीं बहन डॉ. रोहिणी आचार्य ने तेज प्रताप के आचरण को पारिवारिक और वैचारिक मर्यादा का उल्लंघन बताया है।
लालू यादव ने लिया ऐतिहासिक फैसला
रविवार को लालू यादव ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा –
“ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधियाँ, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। अतः उसे पार्टी और परिवार से छह वर्षों के लिए निष्कासित करता हूं।”
इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ राजद परिवार में भी भूचाल ला दिया है।
तेजस्वी यादव का स्पष्ट संदेश — "ये सब न पसंद, न बर्दाश्त"
रविवार शाम राबड़ी देवी आवास के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए तेज प्रताप यादव के छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा –
“जहां तक मेरे व्यक्तिगत विचार की बात है, मुझे ये सब चीजें न तो पसंद हैं और न ही मैं इन्हें बर्दाश्त करता हूं। हर कोई अपनी निजी जिंदगी का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही और मर्यादा का पालन जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा –
“पार्टी अध्यक्ष लालू जी ने ट्वीट कर अपनी भावनाएं स्पष्ट कर दी हैं। तेज प्रताप वयस्क हैं और अपने जीवन के लिए खुद जिम्मेदार हैं। लेकिन जो बातें अब सामने आई हैं, वो मुझे मीडिया से ही पता चलीं। मैंने न पूछा और न ही मुझे जानकारी थी।”
तेजस्वी के इस बयान को परिवार और पार्टी की एकजुटता को बनाए रखने की कोशिश माना जा रहा है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट है कि वे तेज प्रताप की हालिया हरकतों से नाराज हैं।
रोहिणी आचार्य ने तेज प्रताप पर जमकर साधा निशाना
तेज प्रताप यादव की बहन डॉ. रोहिणी आचार्य ने इस पूरे घटनाक्रम को पारिवारिक मर्यादा की खुली अवहेलना करार दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा –
“जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते। लेकिन जो व्यक्ति अपना विवेक त्याग कर परिवार की प्रतिष्ठा की सीमाएं बारम्बार लांघते हैं, वे आलोचना के पात्र खुद बन जाते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा –
“हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं, परिवार हमारा मंदिर और गौरव है, और पापा के अथक संघर्षों से खड़ी की गई पार्टी तथा सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा है। इन तीनों की प्रतिष्ठा पर कोई आंच आए, यह हमें कदापि स्वीकार्य नहीं।”
डॉ. रोहिणी का यह बयान न सिर्फ तेज प्रताप के लिए एक कड़ा पारिवारिक संदेश है, बल्कि यह भी संकेत है कि पार्टी में अनुशासन और मूल्य सबसे ऊपर हैं – चाहे वह किसी भी स्तर का नेता क्यों न हो।
पारिवारिक संकट बनता राजनीतिक मुद्दा
यह पूरा मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं रह गया है, बल्कि अब यह राजनीतिक, सामाजिक और पारिवारिक संतुलन की परीक्षा बन चुका है। तेज प्रताप द्वारा अनुष्का यादव के साथ 12 वर्षों से प्रेम संबंध की सार्वजनिक घोषणा और फिर अकाउंट हैक होने का दावा, इस कदर उलझ गया कि अंततः पिता लालू को सख्त निर्णय लेना पड़ा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह निर्णय राजद की आगामी चुनावी रणनीति के लिए छवि निर्माण का हिस्सा हो सकता है, जहां पार्टी नेतृत्व किसी प्रकार की नैतिक शिथिलता को सहन करने के मूड में नहीं है।
निजी फैसले की सार्वजनिक कीमत
तेज प्रताप की सोशल मीडिया पर की गई घोषणा ने उन्हें एक बार फिर राजनीति और परिवार की मर्यादा के बीच खड़ा कर दिया है। तेजस्वी और रोहिणी की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि यादव परिवार का आंतरिक संतुलन इस वक्त डगमगाया हुआ है और आगे के दिनों में इसका असर पार्टी की रणनीति पर भी पड़ सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या तेज प्रताप इस निष्कासन के बाद राजनीति से दूरी बना लेंगे, नया मंच तलाशेंगे, या फिर मौन साधकर पारिवारिक विश्वास बहाल करने का प्रयास करेंगे?
वर्तमान में राजद का नेतृत्व तेजस्वी यादव के कंधों पर है, और ऐसे में पार्टी में अनुशासन और साख बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई केवल पारिवारिक नहीं बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है – कि "राजद में निजी आचरण की सार्वजनिक जवाबदेही अनिवार्य है।"
(विशेष रिपोर्ट: अशोक कुमार झा, प्रधान संपादक – PSA Live News व रांची दस्तक)
“सत्य, संयम और संकल्प के साथ – जनमानस की आवाज़”

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