सरकारी अस्पतालों में अनाधिकृत यूट्यूबर्स और मीडियाकर्मियों की एंट्री पर रोक: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का सख्त निर्देश
रांची। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अनधिकृत यूट्यूबर्स और स्वयंभू मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सख्त निर्देश जारी किया है। यह फैसला अस्पतालों की कार्यप्रणाली को बाधित करने, मरीजों की निजता का उल्लंघन करने और अफवाह फैलाने जैसी बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि हाल के दिनों में कुछ यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया रिपोर्टर्स द्वारा अस्पताल परिसरों में अनुपयुक्त वीडियो रिकॉर्डिंग, मरीजों से जबरन बयान, और स्वास्थ्यकर्मियों को बदनाम करने वाली सामग्री के प्रसार की घटनाएं सामने आई हैं, जो न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि मरीजों की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने?
डॉ. अंसारी ने कहा:
“सरकारी अस्पतालों में मीडिया की भूमिका हम सराहते हैं, लेकिन कुछ लोग यूट्यूब चैनल या मोबाइल कैमरे के जरिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और अस्पतालों की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब से बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति अस्पताल परिसर में वीडियो शूट या रिपोर्टिंग नहीं कर सकेगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभाग अधिकारिक पत्रकारों के लिए प्रेस पास और अनुमति प्रणाली को सख्ती से लागू करेगा, ताकि असली पत्रकारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े, और फर्जी व भ्रामक प्रचार करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
क्यों जरूरी हुई यह कार्रवाई?
- अस्पतालों में इलाजरत मरीजों की निजता का उल्लंघन
- डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के काम में अनावश्यक हस्तक्षेप
- झूठी खबरों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं पर जनता का अविश्वास
- कुछ यूट्यूब चैनलों द्वारा अस्पतालों में "नकारात्मक कंटेंट" के लिए की गई स्क्रिप्टेड रिकॉर्डिंग
अब क्या बदलेगा?
✅ अस्पताल परिसर में वीडियोग्राफी या रिपोर्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी
✅ प्रेस प्रतिनिधियों को प्रेस आईडी और प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा
✅ उल्लंघन की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें FIR तक की प्रक्रिया शामिल होगी
✅ अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों में तत्काल जिला प्रशासन को सूचित करें
चिकित्सा बिरादरी और आम नागरिकों की प्रतिक्रियाएं
झारखंड चिकित्सा सेवा संघ (JHASA) के अध्यक्ष डॉ. राजीव तिवारी ने मंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा:
“अस्पतालों को यूट्यूब स्टूडियो नहीं बनने देना चाहिए। मरीजों की इज्जत और गोपनीयता सर्वोपरि है।”
वहीं एक मरीज के परिजन ने कहा:
“कई बार हम देखते थे कि मीडियावाले बिना अनुमति वार्ड में घुस जाते थे, जिससे इलाज में व्यवधान आता था। यह फैसला जरूरी था।”
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का यह निर्णय राज्य के सरकारी अस्पतालों को अनावश्यक मीडिया हस्तक्षेप से मुक्त कर, उन्हें एक गंभीर और संवेदनशील उपचार स्थल बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह न केवल मरीजों की गरिमा की रक्षा करेगा, बल्कि अस्पतालों की विश्वसनीयता भी बढ़ाएगा।
PSA Live News विशेष रिपोर्ट

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