जमशेदपुर। दहेज प्रताड़ना की शिकार महिला से केस दर्ज करने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने वाले कदमा थाना के दरोगा सुनील कुमार दास को निलंबित कर दिया गया है। जमशेदपुर के एसएसपी पीयूष पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिटी एसपी की रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की है।
यह मामला तब सामने आया जब कदमा निवासी पीड़िता दुर्गा कुमारी ने दहेज उत्पीड़न को लेकर कदमा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन, महिला का आरोप है कि दरोगा सुनील कुमार दास ने बार-बार उसे थाना बुलाया और केस दर्ज करने की एवज में एक लाख रुपये की मांग की।
भाजपा नेता की शिकायत से खुली पोल
इस भ्रष्टाचार की जानकारी टेल्को निवासी भाजपा नेता अंकित आनंद को मिली तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत सीधे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की। उन्होंने महिला से पूछताछ कर उसे न्याय दिलाने की मांग की।
भाजपा नेता ने कहा:
"अगर आम नागरिकों से न्याय पाने के लिए भी पैसे मांगे जाएंगे, तो पुलिस प्रशासन पर जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा?"
एसएसपी की सख्ती: भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस
एसएसपी पीयूष पांडे ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सिटी एसपी से तत्काल जांच करवाई, और प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए।
उन्होंने कहा:
"झारखंड पुलिस में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। पीड़ितों से किसी भी तरह की अवैध मांग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी चाहे कोई भी हो, उस पर कार्रवाई तय है।"
क्या है मामला?
- पीड़िता दुर्गा कुमारी ने पति और ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाने की कोशिश की थी।
- आरोप है कि कदमा थाने के दरोगा सुनील कुमार दास ने एफआईआर दर्ज करने से पहले 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
- महिला को कई बार थाना बुलाकर दबाव बनाया गया।
- भाजपा नेता अंकित आनंद को जब यह बात पता चली, तो उन्होंने पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत पुलिस अधिकारियों से की।
पुलिस विभाग की छवि पर धब्बा
इस घटना ने कानून के रक्षक की भूमिका में रहने वाले कुछ अधिकारियों के अवैध आचरण को उजागर कर दिया है। यह घटना न केवल महिला सुरक्षा से जुड़ी गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि न्याय तक पहुंचने की राह में रिश्वतखोरी जैसी विकृति अब भी बाधक बनी हुई है।
अब आगे क्या?
➡️ दरोगा सुनील कुमार दास पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
➡️ दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
➡️ पीड़िता के केस को अन्य अधिकारी के माध्यम से निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
➡️ महिला को सुरक्षा और न्याय दिलाने की दिशा में प्रशासन प्रयासरत है।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों से भी प्रतिक्रिया
भाजपा नेता अंकित आनंद ने कहा:
"एक पीड़िता जब पुलिस स्टेशन जाती है, तो उसे इंसाफ की उम्मीद होती है, न कि रिश्वत का तगादा। यह बेहद शर्मनाक है कि महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।"
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि झारखंड पुलिस भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। आम नागरिकों को पुलिस पर भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में तेज़ और पारदर्शी कार्रवाई न केवल ज़रूरी है, बल्कि पुलिस की साख को भी बचाए रखती है।
PSA Live News विशेष रिपोर्ट

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