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प्राप्तव्य साक्षात् परमात्मा भगवान् श्रीमन्नारायण के भुवन - पावन यश का स्तुतियों से निरंतर गान हुआ।


रांची। 
दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी )मंदिर में ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की वर्ष भरके सभी एकादशीयों में  प्रसिद्ध निर्जला एकादशी व्रत के उपलक्ष्य पर 07 जून शनिवार  को मंत्रों के स्वर और  जय -जयकार ध्वनि से मंदिर  परिसर गुंजित हो उठा। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में  त्रैलोक व्यापक श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर का विश्वरूप दर्शन,सुप्रभातम् और मंगलाशासन से दिव्य मंगलोत्सव  मना । तदनंतर पांचरात्र आगम विधान के अनुसार तिरूवाराधनम् हुआ। यह पांचरात्र भ्रमरूप अंधकार को नष्ट करने वाला ज्ञान दीपक है। पंचरत्न शास्त्र के क्षेत्र में रात्र का अर्थ ज्ञान होता है। यह ज्ञान पांच प्रकार का कहा गया है। इसलिए यह भागवत शास्त्र पांचरात्र  कहलाता है और यह मूर्तिमान् भगवद्नुग्रह है, भगवत कृपा का वाङ्मय है । यह पंचरात्र के अंतर्गत ही उपासना,आराधना और पूजोपचार संपादन हुआ । सुश्राव्य वेदध्वनियों से क्रमानुसार   नक्षत्र,कुम्भ और कर्पूर की बाती से महाआरती हुयी । फिर साँवादाना की खीर ,साबूदाना और आलू के खेचड़े ,कूटू आटे एवं आलू की पकौड़ा,खीरा दधि की रायता इत्यादि अनेकों फलाहारी व्यंजनों का नैवेद्य भोग लगा । पुनः श्रुति,उपनिषद एवं श्रीनिगमान्त देशिक विरचित स्तोत्राणि के उत्कृष्ट ऋचाएँ एवं श्लोकों से स्तुति कीं गयी । श्रद्धा और भक्ति के साथ श्रद्धालुओं ने भी अपने- अपने अभीष्टों की प्राप्ति तथा व्रत की पूर्ति के अभिलाषा से क्रमानुसार विष्णु  सहस्त्रनाम अर्चना, श्रीवेंकटेश्वर अष्टोत्तर सतनाम की अर्चना,श्रीलक्ष्मी स्टोत्तर  सतनाम की अर्चना एवं श्रीसूक्त, पुरूषसूक्त आदि का पारायण भी करायी ।

फलाहारी पायस महाप्रसाद श्री शशि भूषण सिंह पत्नी श्रीमती बीना सिंह जबकि एक-एक समय का भोग निवेदन किया श्री प्रदीप सुनीता मोदी और श्री अंकुर प्रमोद ।ये सभी यजमान रांची निवासी हैं।

 अर्चक: श्री सत्यनारायण गौतम श्री गोपेश आचार्य और श्री नारायण दास जी ने मिलकर दिन भर के अनुष्ठान को विधिवत संपन्न कराया ।

उपस्थित रहे सर्वश्री राम अवतार नरसरिया घनश्याम दास शर्मा गौरी शंकर साहू प्रदीप नरसरिया रंजन सिंह अशोक मिश्रा जगनारायण प्रसाद भोला बरनवाल शंभू नाथ पोद्दार यशोदा

 देवी सीता शर्मा के अतिरिक्त भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर का दर्शन -पूजा करके अपने जीवन को धन्य किया।

प्राप्तव्य साक्षात् परमात्मा भगवान् श्रीमन्नारायण के भुवन - पावन यश का स्तुतियों से निरंतर गान हुआ। प्राप्तव्य साक्षात् परमात्मा भगवान्  श्रीमन्नारायण के भुवन - पावन यश का स्तुतियों से निरंतर गान हुआ। Reviewed by PSA Live News on 12:04:00 am Rating: 5

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