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डिजिटल ट्रांजैक्शन का सुराग बना पुलिस के लिए सबसे बड़ा हथियार, पति-पत्नी की चोरी की साजिश का भंडाफोड़ | रांची पुलिस ने 328 ग्राम सोना किया बरामद


रांची। संवाददाता विशेष | PSA Live News

रांची पुलिस ने बैंक ट्रांजैक्शन की बारीक जांच कर चोरी की एक अत्यंत शातिर साजिश का पर्दाफाश कर दिया है, जो शुरुआती तौर पर एक सामान्य घरेलू चोरी लग रही थी। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने पति-पत्नी की चोर जोड़ी को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से सोने के गहनों की चोरी की, उन्हें गिरवी रखकर फाइनेंस कंपनी से लोन लिया और फिर डिजिटल माध्यम से लोन की रकम को कई बैंक खातों के जरिए अपने खाते तक पहुंचाया।

इस पूरे मामले की शुरुआत 7 मई को तब हुई, जब सीएमपीडीआई (CMPDI) में कार्यरत महिला रानी कुमारी ने गोंदा थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उनके घर से भारी मात्रा में सोने के गहनों की चोरी हो गई है। प्रारंभिक जांच में जिस महिला स्टाफ पर शक जताया गया था, वही बाद में इस सुनियोजित अपराध की मास्टरमाइंड निकली। आरोपी महिला की पहचान कविता शर्मा के रूप में हुई है, जिसने अपने दूसरे पति विकास बहादुर के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि विकास बहादुर फिलहाल हैदराबाद की SAF कंपनी में कार्यरत है। दोनों ने मिलकर गहनों की चोरी की, जिन्हें बाद में गिरवी रखकर एक फाइनेंस कंपनी से लोन लिया गया। लोन की रकम को इतने सुनियोजित ढंग से विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से ट्रांसफर किया गया कि शुरुआत में पुलिस को धोखा देने में वे सफल रहे। लेकिन रांची पुलिस की साइबर टीम ने पैसों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को ट्रेस कर एक-एक लिंक को जोड़ते हुए पूरे षड्यंत्र का खुलासा कर दिया।

इस ऑपरेशन में पुलिस ने कुल 328 ग्राम सोना बरामद कर लिया है, जिसकी बाजार कीमत लाखों में आंकी जा रही है। रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि,

"यह मामला आधुनिक तकनीक, साइबर विश्लेषण और बैंकिंग ट्रेल के सूक्ष्म अध्ययन से सुलझाया गया है। आरोपियों ने अपराध को छिपाने के लिए डिजिटल रास्तों का इस्तेमाल किया, लेकिन साइबर शाखा की सतर्कता और टीमवर्क के चलते साजिश बेनकाब हो गई।"

एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस लोन प्रोसेस में शामिल अन्य बिचौलिए या बैंकिंग माध्यमों से मदद करने वालों की पहचान की जा रही है, और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

🔹 पुलिस की स्मार्ट टेक्नोलॉजी और सूझबूझ से पकड़ा गया मामला:

इस केस में रांची पुलिस की साइबर सेल और आर्थिक अपराध शाखा की भूमिका बेहद अहम रही। बैंक खातों की KYC जानकारी, मोबाइल नंबर लिंकिंग, फाइनेंस कंपनी के रिकॉर्ड और ट्रांजैक्शन के IP-लॉग्स का विश्लेषण कर यह साबित कर दिया गया कि कैसे डिजिटल साक्ष्य आधुनिक अपराधों की जांच में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

🔹 सामाजिक आघात भी बड़ा:

यह मामला केवल एक चोरी या आर्थिक अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक और सामाजिक विश्वासघात का प्रतीक बन गया है — जहां एक घरेलू कर्मचारी पर न केवल भरोसा किया गया बल्कि उसे परिवार का सदस्य मानते हुए घर तक की पहुंच दी गई, और उसी विश्वास का उसने क्रूरता से फायदा उठाया।

 क्या सीख मिलती है?

  • घरेलू सहायकों की पुलिस वेरिफिकेशन कराना अत्यंत जरूरी है।
  • कीमती वस्तुओं की सुरक्षा के लिए घर में स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम अनिवार्य है।
  • बैंक ट्रांजैक्शन और लोन प्रोसेस पर भी निगरानी तंत्र और रेगुलेशन को और मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।

यह घटना रांची जैसे मझोले शहर में अपराध की बदलती प्रवृत्ति और तकनीकी साक्ष्य की अहमियत को दर्शाती है। रांची पुलिस की तत्परता और सटीक कार्रवाई के लिए समाज की ओर से सराहना भी जरूरी है, ताकि जनता का कानून व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत हो सके।

डिजिटल ट्रांजैक्शन का सुराग बना पुलिस के लिए सबसे बड़ा हथियार, पति-पत्नी की चोरी की साजिश का भंडाफोड़ | रांची पुलिस ने 328 ग्राम सोना किया बरामद डिजिटल ट्रांजैक्शन का सुराग बना पुलिस के लिए सबसे बड़ा हथियार, पति-पत्नी की चोरी की साजिश का भंडाफोड़ | रांची पुलिस ने 328 ग्राम सोना किया बरामद Reviewed by PSA Live News on 11:13:00 pm Rating: 5

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