पटना। बुधवार को भीषण गर्मी और ओवरक्राउडिंग की दोहरी मार ने पटना-भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के एक यात्री की जान ले ली। बाढ़ थाना क्षेत्र के दलिसमनचक गांव निवासी 35 वर्षीय रंजीत कुमार, जो पेशे से राजमिस्त्री थे, ट्रेन में सफर के दौरान दम घुटने से अचेत हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना ने रेलवे की व्यवस्था और गर्मी में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना उस वक्त घटी जब ट्रेन में सामान्य डिब्बों में जरूरत से कई गुना अधिक भीड़ जमा हो चुकी थी। न तो सीटें खाली थीं और न ही खड़े होने की पर्याप्त जगह। साथ ही ट्रेन के पंखे भी बंद थे और खिड़कियों से हवा आने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी। 40 डिग्री के पार तापमान, उमस और दमघोंटू माहौल में यात्री बेहाल हो गए। इन्हीं हालात में रंजीत कुमार की तबीयत बिगड़ी। fellow यात्रियों ने उन्हें सीट पर लिटाया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
घटना के दौरान ट्रेन जमालपुर की ओर बढ़ रही थी। यात्रियों के अनुसार, मृतक के साथ यात्रा कर रहे लोग और अन्य यात्रियों ने बार-बार रेलवे अधिकारियों और टीटीई से एसी डिब्बों में जगह देने की गुहार लगाई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
घटना की पुष्टि करते हुए बाढ़ थाना क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि मृतक रंजीत कुमार मजदूरी के सिलसिले में भागलपुर जा रहे थे। उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। इस बीच ट्रेन में सवार तीन अन्य यात्रियों की भी तबीयत बिगड़ गई थी, जिन्हें किऊल स्टेशन पर चिकित्सा सहायता दी गई।
रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा है कि गर्मी के मौसम में ट्रेन के डिब्बों में एयर वेंटिलेशन और स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों की समीक्षा की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी रेलकर्मी या अधिकारी पर लापरवाही के आरोप में कार्रवाई नहीं हुई है।
यात्रियों ने बयां की आपबीती
घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि जनरल बोगियों में हालात किसी गैस चैंबर जैसे थे। “हमें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। कई बच्चे रो रहे थे, महिलाएं परेशान थीं, और कोई सुनवाई नहीं थी। जब तक मदद पहुंचती, रंजीत जी की मौत हो चुकी थी,” एक यात्री ने बताया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
रंजीत कुमार की मौत की खबर मिलते ही उनके गांव दलिसमनचक में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और रेलवे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना एक चेतावनी है
यह घटना रेलवे के लिए एक चेतावनी है कि गर्मी के मौसम में ट्रेनों में अतिरिक्त सुविधा और मानवीय दृष्टिकोण की कितनी आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
PSA Live News के लिए पटना से विशेष रिपोर्ट

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