प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ सेवा कार्यक्रम, 50 लोगों को मिला राहत का साधन
रामगढ़, 25 जुलाई। झारखंड में लगातार हो रही भारी वर्षा के मद्देनज़र विप्र फाउंडेशन झारखंड एवं विश्व ब्राह्मण संघ झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आज एक जनकल्याणकारी सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर रामगढ़ में जरूरतमंदों — खासकर सड़कों पर सब्जी बेचने वाले, दातुन-दोना विक्रेता, ग्रामीण क्षेत्रों से रोज़ी-रोटी की तलाश में आने वाले मजदूरों और मंदिरों में कार्यरत लोगों — के बीच छाते वितरित किए गए।
इस विशेष सेवा कार्यक्रम की अध्यक्षता विप्र फाउंडेशन झारखंड के प्रदेश महामंत्री एवं विश्व ब्राह्मण संघ झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रदीप कुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम में कुल 50 छाते वितरित किए गए, जिससे बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे कार्यरत लोगों को कुछ राहत मिल सके।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदीप कुमार शर्मा उपस्थित थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्व ब्राह्मण संघ झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश मिश्रा और नवीन पाठक मौजूद रहे। इनके अलावा कार्यक्रम में विप्र फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष गोकुल शर्मा, रामगढ़ जिलाध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय, जिला महासचिव अरुण बनर्जी, संरक्षक कमल शर्मा, एवं सक्रिय सदस्य नीरज शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
छाते वितरण के दौरान प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा,
"नर सेवा ही नारायण सेवा है। विप्र समाज सदैव से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों की सेवा करता आया है और आगे भी करता रहेगा। बरसात के इस भीषण मौसम में छाता न होने से लोग भीगते रहते हैं, जिससे उन्हें बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह छोटा सा प्रयास लोगों को राहत देने के लिए किया गया है।"
महेश मिश्रा ने कहा कि विप्र फाउंडेशन केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी उसकी भूमिका लगातार सशक्त होती जा रही है। वहीं नवीन पाठक ने इसे सामाजिक दायित्व बताते हुए भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विप्र फाउंडेशन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष जे. पी. शर्मा एवं रामगढ़ जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि विप्र फाउंडेशन एवं विश्व ब्राह्मण संघ मिलकर समाज के जरूरतमंद लोगों के लिए निरंतर जनहित के कार्य करते रहेंगे।
छाते पाने वाले लाभार्थियों के चेहरे पर राहत और संतोष के भाव साफ देखे जा सकते थे। कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था अनुशासित ढंग से की गई थी और छाते वितरण के समय सामाजिक दूरी व स्वास्थ्य-सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया गया।

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