एचईसी के भविष्य को लेकर दिल्ली में निर्णायक पहल — केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी से भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल की विस्तृत वार्ता
नई दिल्ली/रांची। झारखंड की औद्योगिक रीढ़ माने जाने वाले हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचईसी) के भविष्य को लेकर आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया जब भारतीय मजदूर संघ (BMS), झारखंड प्रदेश के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर विस्तृत चर्चा की।
यह बैठक एचईसी के कर्मचारियों की वर्षों से लंबित समस्याओं, संस्थान के आर्थिक संकट, वेतन भुगतान में देरी, और संस्थान के पुनरुद्धार की मांगों के मद्देनजर आयोजित की गई थी, जो लंबे समय से केंद्र सरकार के ध्यान और हस्तक्षेप की प्रतीक्षा कर रही थीं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे प्रमुख श्रमिक नेता:
बैठक में बीएमएस के कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे, जिनमें:
- बलिराम यादव – प्रदेश अध्यक्ष, बीएमएस झारखंड
- राजीव रंजन सिंह – प्रदेश महामंत्री
- बृजेश कुमार – संगठन मंत्री
- संतोष कुमार – प्रदेश मंत्री
- आनंद साहू – प्रदेश पदाधिकारी
- रमाशंकर प्रसाद – महामंत्री, एचईसी मजदूर संघ सह प्रदेश मंत्री
इन सभी ने मिलकर एचईसी की समस्याओं से संबंधित एक विस्तृत ज्ञापन केंद्रीय मंत्री को सौंपा, जिसमें श्रमिक हितों की रक्षा, लंबित वेतन भुगतान, पीएफ एवं ग्रेच्युटी अंशदान में गड़बड़ियां, मेडिकल सुविधा, और उत्पादन ठप होने की वजहों का व्यापक उल्लेख किया गया था।
मंत्री कुमारस्वामी ने दी आश्वस्ति, जल्द होंगे ठोस निर्णय:
केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि एचईसी के पुनरुद्धार को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है और इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर दिल्ली में कई उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं और लगातार नीतिगत विमर्श जारी है।
मंत्री ने कहा:
"एचईसी राष्ट्र की सामरिक एवं औद्योगिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण इकाई है। इसे बंद करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। सरकार का प्रयास है कि इसे पुनः कार्यशील बनाकर कर्मचारियों को नियमित वेतन मिले और उत्पादन की श्रृंखला दोबारा शुरू हो।"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि संस्थान को आत्मनिर्भर बनाया जाए, ताकि वह दीर्घकालीन रूप से लाभ में रह सके और किसी बाहरी वित्तीय सहायता पर निर्भर न रहे।
एचईसी परिसर के दौरे का भी दिया आश्वासन:
बैठक के अंत में प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वे रांची स्थित एचईसी परिसर का दौरा करें, ताकि जमीनी सच्चाई और मजदूरों की पीड़ा को प्रत्यक्ष रूप से जान सकें। इस पर मंत्री कुमारस्वामी ने सहमति जताते हुए कहा कि वे शीघ्र ही एचईसी का दौरा करेंगे और स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से प्रत्यक्ष संवाद करेंगे।
पुनरुद्धार की ओर आशा की नई किरण:
इस बैठक को एचईसी के भविष्य और वहां कार्यरत हज़ारों कर्मियों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। पिछले कई वर्षों से एचईसी वित्तीय संकट, उत्पादन ठप और कर्मचारी असंतोष जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। कई बार आंदोलन, भूख हड़ताल और ज्ञापन दिए जाने के बावजूद समाधान नहीं निकल सका था।
अब जबकि खुद केंद्रीय मंत्री ने संस्थान के पुनरुद्धार और स्थायित्व के लिए ठोस निर्णयों की बात कही है, एचईसी कर्मचारियों और उनके परिवारों में एक नई उम्मीद जगी है।
निष्कर्ष:
केंद्रीय मंत्री और बीएमएस प्रतिनिधियों के बीच हुई यह बातचीत केवल एक श्रम संगठन की मांग नहीं बल्कि एक समूचे औद्योगिक नगर की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा से जुड़ी पहल है। यदि सरकार वादा अनुसार ठोस निर्णय लेती है, तो न केवल एचईसी को नया जीवन मिलेगा, बल्कि झारखंड के औद्योगिक नक्शे पर भी यह इकाई फिर से गौरवशाली स्थान प्राप्त कर सकेगी।

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