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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली हस्तियों को मिला उच्च सदन का सम्मान


नई दिल्ली, 13 जुलाई । 
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित हस्तियों को मनोनीत किया है। ये नामांकन हिंदुस्तान के सामाजिक, कानूनी, राजनयिक और बौद्धिक जीवन में उनके बहुमूल्य योगदान को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माने जा रहे हैं।

नए मनोनीत सदस्यों में शामिल हैं — प्रख्यात अभियोजक उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन, तथा केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर

🔷 उज्ज्वल निकम: न्याय प्रणाली के सशक्त स्तंभ

उज्ज्वल निकम देश के सबसे चर्चित और निर्भीक विशेष लोक अभियोजकों में गिने जाते हैं। उन्होंने 1993 के मुंबई बम धमाके, 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले, और प्रख्यात नागपुर आरएसएस मुख्यालय हमले जैसे दर्जनों हाई प्रोफाइल मामलों में सफलता पूर्वक अभियोजन कर आतंकवाद व संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही का मार्ग प्रशस्त किया। कानून के क्षेत्र में उनकी ईमानदारी, निष्ठा और निर्भीकता को देखते हुए उन्हें उच्च सदन में स्थान दिया गया है।

🔷 हर्षवर्धन श्रृंगला: वैश्विक मंचों पर हिंदुस्तान की आवाज

पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के प्रमुख सलाहकार रह चुके हर्षवर्धन श्रृंगला की राजनयिक सेवा तीन दशकों से भी अधिक की है। अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे देशों में राजदूत के रूप में उनकी सेवाओं ने हिंदुस्तान की विदेश नीति को सुदृढ़ करने में विशेष भूमिका निभाई। विशेष रूप से बांग्लादेश के साथ ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौता और अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनका योगदान सराहनीय रहा है।

🔷 डॉ. मीनाक्षी जैन: इतिहास लेखन में सांस्कृतिक पुनर्जागरण

डॉ. मीनाक्षी जैन एक जानी-मानी इतिहासकार और दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र की पूर्व प्रोफेसर रही हैं। उनका कार्य मुख्यतः प्राचीन भारतीय सभ्यता, संस्कृति और समाज पर केंद्रित रहा है। 'राम मंदिर आंदोलन', 'हिंदू धर्म और जाति व्यवस्था' जैसे विषयों पर उनकी पुस्तकें बौद्धिक जगत में चर्चित रही हैं। भारतीय दृष्टिकोण से इतिहास लेखन में उन्होंने वैकल्पिक विमर्श को मजबूती प्रदान की है।

🔷 सदानंदन मास्टर: समाज सेवा के समर्पित पुरोधा

केरल के आदिवासी और वंचित समुदायों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता फैलाने में सदानंदन मास्टर की भूमिका अनुकरणीय रही है। उन्होंने अपने जीवन के पांच दशक समाज सेवा को समर्पित कर दिए, विशेषकर अनुसूचित जनजातियों की भलाई के लिए। उनकी मेहनत से हजारों आदिवासी बच्चों ने स्कूलों का रुख किया और मुख्यधारा से जुड़ पाए।

राष्ट्रपति ने निभाई संवैधानिक भूमिका

संविधान का अनुच्छेद 80 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामित कर सकें। इन चारों व्यक्तित्वों का चयन न केवल संविधान की भावना के अनुरूप है, बल्कि यह बताता है कि लोकतंत्र में विविध क्षेत्रों से विचारशील और कर्मठ लोगों की भागीदारी कितनी आवश्यक है।

यह नामांकन जहां न्यायिक प्रणाली, विदेश नीति, इतिहास लेखन और सामाजिक न्याय को उच्च सदन में नई दिशा देंगे, वहीं युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेंगे।

यह कदम इस बात का प्रमाण है कि हिंदुस्तान का लोकतंत्र केवल राजनीतिक भागीदारी तक सीमित नहीं, बल्कि विचारशीलता, ज्ञान और सेवा भावना को भी अपने भीतर समाहित करता है।


रिपोर्ट: PSA Live News डेस्क
एडिटर: अशोक कुमार झा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली हस्तियों को मिला उच्च सदन का सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली हस्तियों को मिला उच्च सदन का सम्मान Reviewed by PSA Live News on 12:26:00 pm Rating: 5

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