पुनौराधाम में मां जानकी मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 8 अगस्त को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहेंगे उपस्थित
नई दिल्ली/सीतामढ़ी। मिथिला की पावन धरती सीतामढ़ी स्थित जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम अब भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में नया आयाम प्राप्त करने जा रही है। आगामी 8 अगस्त को यहां भव्य मां जानकी मंदिर निर्माण का भूमि पूजन एवं कार्यारंभ कार्यक्रम संपन्न होगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य हस्तियां शामिल होंगी।
संसद भवन में हुई अहम बैठक
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मंगलवार को संसद भवन, नई दिल्ली में सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। इस दौरान भूमि पूजन समारोह और मंदिर निर्माण परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। गृह मंत्री ने इसे मिथिला और संपूर्ण बिहार के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने लिया तैयारियों का जायज़ा
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 26 जुलाई को स्वयं पुनौराधाम जाकर मां जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना की और आगामी कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में भूमि पूजन स्थल का सूक्ष्म अवलोकन कर अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी करने के निर्देश दिए थे।
राज्य मंत्रिमंडल की ऐतिहासिक स्वीकृति
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 जुलाई को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुनौराधाम के संपूर्ण विकास हेतु 882 करोड़ 87 लाख रुपये की एक वृहद योजना को स्वीकृति दी गई थी। इस योजना के तहत अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर पुनौराधाम को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टि से विश्व स्तरीय केंद्र बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है।
इसके साथ ही, मंदिर निर्माण और संपूर्ण क्षेत्र के विकास कार्यों को तेजी से संपन्न कराने के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया गया है।
मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को मिलेगी नई ऊँचाई
विशेषज्ञों का मानना है कि पुनौराधाम का यह भव्य मंदिर और इसके आसपास का समग्र विकास न केवल मिथिला और बिहार की धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोज़गार और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे और मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिलेगी।
धार्मिक पर्यटन को नई दिशा
परियोजना पूरी होने के बाद पुनौराधाम का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा। यहाँ श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवास-व्यवस्था, सड़क और परिवहन सुविधाएँ, सांस्कृतिक केंद्र, पुस्तकालय, शोध संस्थान तथा धार्मिक पर्यटन के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
वहीं स्थानीय कलाकारों, कारीगरों और उद्यमियों को भी अपने हुनर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।
ऐतिहासिक पल की ओर अग्रसर मिथिला
मां जानकी की जन्मभूमि पुनौराधाम का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम मिथिला की आध्यात्मिक गरिमा और सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक होगा। आने वाले समय में यह स्थल, श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को संजोने के साथ-साथ बिहार की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर एक नई प्रतिष्ठा दिलाने का कार्य करेगा।

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