हजारीबाग के डेली मार्केट में भीषण आग : 27 दुकानें जलकर खाक, लाखों का नुकसान — व्यापारियों ने जताया आक्रोश, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
हजारीबाग। हजारीबाग शहर के हृदय स्थल डेली मार्केट में सोमवार की देर रात अचानक लगी भीषण आग से हड़कंप मच गया। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते करीब 27 दुकानें जलकर खाक हो गईं। घटना में करोड़ों रुपये मूल्य का सामान जल गया। देर रात तक दमकल की कई गाड़ियाँ आग पर काबू पाने में जुटी रहीं। हालांकि जनहानि की कोई सूचना नहीं है, लेकिन संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 12:15 बजे के आसपास बाजार से धुआँ उठता देखा गया। शुरुआत में लोगों को लगा कि किसी दुकान के पीछे कचरा जलाया जा रहा है, लेकिन कुछ ही मिनटों में तेज लपटें उठने लगीं और पूरा इलाका धुएँ से भर गया। लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की आठ गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब तीन घंटे में आग पर काबू पाया। संकरी गलियों और दुकानों के एक-दूसरे से सटे होने के कारण आग बुझाने में काफी कठिनाई हुई। कई दुकानों के शटर तोड़कर दमकलकर्मियों को अंदर घुसकर आग बुझानी पड़ी।
स्थानीय व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश दुकानें कपड़े, जूते, जनरल स्टोर और इलेक्ट्रॉनिक्स की थीं। दुकानों में रखे नकद पैसे, स्टॉक और जरूरी कागजात पूरी तरह जल गए हैं। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक 30 से 40 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
व्यापारी अर्जुन साव ने बताया —
“हर बार प्रशासन केवल आश्वासन देता है, लेकिन बाजार में न फायर सिस्टम है, न सुरक्षा इंतज़ाम। अगर दमकल गाड़ियाँ समय पर पहुँचतीं तो आधी दुकानें बच सकती थीं।”
घटना के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि मार्केट में वर्षों से अग्निशमन व्यवस्था की अनदेखी की जा रही थी। कई बार फायर एक्सटिंग्विशर लगाने और बिजली वायरिंग दुरुस्त करने की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हजारीबाग के उपायुक्त (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) सुबह घटनास्थल पर पहुँचे और नुकसान का जायजा लिया। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि आग का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
फायर ब्रिगेड अधिकारी अजय कुमार ने बताया —
“आग तेजी से फैली क्योंकि अधिकांश दुकानें लकड़ी और प्लास्टिक की थीं। आग लगने के तुरंत बाद टीम पहुँची, लेकिन संकरी गलियों और पानी की कमी के कारण आग बुझाने में समय लगा।”
घटना के बाद पूरा बाजार क्षेत्र राख के ढेर में तब्दील हो गया है। जली दुकानों से अब भी धुआँ उठ रहा है। सुबह से ही व्यापारी अपने-अपने दुकानों के अवशेषों में बचे सामान को खोजने की कोशिश में जुटे हैं। कई दुकान मालिकों की आँखों में आँसू थे, क्योंकि उनके जीवनभर की पूँजी इस आग में स्वाहा हो गई।
स्थानीय लोगों ने सरकार से मुआवजा और स्थायी अग्निशमन व्यवस्था की मांग की है। प्रशासन ने राहत राशि देने और प्रभावित व्यापारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
यह हादसा एक बार फिर नगर प्रशासन की लापरवाही और बाजार क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करता है। यदि समय रहते एहतियाती कदम उठाए जाते, तो इतना बड़ा नुकसान टाला जा सकता था।
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