कांग्रेस भवन में 41वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, बृजलाल बहबलपुरिया की अध्यक्षता में कार्यकर्ताओं ने अर्पित किए पुष्प
हरियाणा/ हिसार( राजेश सलूजा) । आज का दिन केवल एक तिथि नहीं, बल्कि इतिहास का वह पन्ना है जो देशभक्ति, समर्पण और त्याग की अमर गाथा सुनाता है। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री, लौह-इच्छाशक्ति और अदम्य साहस की प्रतीक श्रीमती इंदिरा गांधी की 41वीं पुण्यतिथि पर आज कांग्रेस भवन, हिसार में आयोजित श्रद्धांजलि सभा ने हर हृदय को भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिसार कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष बृजलाल बहबलपुरिया ने की। कांग्रेस पदाधिकारी, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल और शहर-ग्राम के सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र हुए — हर चेहरा नम था, हर दिल में आदर और गर्व का भाव था।
सभा का आरंभ मौन रखकर हुआ। जैसे ही इंदिरा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए, वातावरण श्रद्धा और राष्ट्रभाव से ओतप्रोत हो उठा। कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा — “इंदिरा जी अमर रहें, जय भारत!”
बृजलाल बहबलपुरिया ने कहा कि इंदिरा गांधी का जीवन भारत की अखंडता, दृढ़ता और आत्मसम्मान का प्रतीक था। उन्होंने कहा —
“31 अक्तूबर का दिन केवल स्मरण का नहीं, बल्कि संकल्प का दिन है — जब हमें इंदिरा जी के बताए मार्ग पर चलकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का वचन देना चाहिए।”
— बृजलाल बहबलपुरिया, जिलाध्यक्ष, हिसार ग्रामीण कांग्रेस
उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी ने उस दौर में देश का नेतृत्व किया जब विश्व राजनीति में भारत को दबाने की कोशिशें की जा रही थीं, लेकिन उन्होंने अडिग इच्छाशक्ति से भारत को विश्व में सम्मान का स्थान दिलाया। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्रसेवा केवल पद से नहीं, बल्कि समर्पण से होती है।
सभा में वक्ताओं ने इंदिरा गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हर भारतीय महिला के मन में आत्मविश्वास का दीप जलाया। चाहे हरित क्रांति हो या बांग्लादेश की आज़ादी, इंदिरा गांधी ने हर निर्णय में भारत की गरिमा को सर्वोच्च रखा।
कांग्रेस भवन “इंदिरा जी अमर रहें” के नारों से गूंजता रहा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह श्रद्धांजलि सभा केवल याद नहीं, बल्कि उस आदर्श को जीवित रखने का प्रयास है, जो इंदिरा गांधी ने अपने जीवन से दिया — राष्ट्र पहले, बाकी सब बाद में।
लौह पुरुष पटेल को दी श्रद्धांजलि
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के साथ ही आज कांग्रेस भवन, हिसार में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती भी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यकर्ताओं ने पटेल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उनके योगदान को याद किया।
बृजलाल बहबलपुरिया ने कहा —सरदार पटेल ने देश की 562 रियासतों को एकसूत्र में पिरोकर भारत की एकता को सशक्त आधार दिया। उनका जीवन प्रशासनिक दृढ़ता, राष्ट्रनिष्ठा और सेवा का प्रेरक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह इंदिरा गांधी ने देश की अखंडता के लिए प्राण दिए, उसी तरह सरदार पटेल ने राष्ट्र की नींव में एकता का अमर पत्थर जोड़ा। दोनों ही महान विभूतियों ने भारत को एक दिशा, एक संकल्प और एक पहचान दी।
*कार्यक्रम में उपस्थित रहे ये पदाधिकारी व कार्यकर्ता :*
पूर्व मंत्री श्री अतर सिंह सैनी, पूर्व विधायक रामनिवास घोडेला, माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र गंगवा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता धर्मवीर गोयत, प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी शर्मा, दिलबाग ढांडा, राजकुमार सरपंच, प्रधान रणधीर बामल, प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव डॉ. साक्षी, नवीन किरमारा, मनोज राठी, प्रीतम चौधरी, सत्यवान नंबरदार, जगदीश काजला, मास्टर बलदेव, अजीत यादव, दिनेश पूनिया, सुरेश पघाल, टेकचंद बागड़ी, वीरमति (पूर्व पार्षद), जगदीश तायल, निरंजन गोयल, सुरेश सिंघल, एडवोकेट राजेश श्योकंद, एडवोकेट धर्मपाल घनघस, निशांत पूनिया, कृष्णा शर्मा, संतोष आर्य, गीता आहूजा, सुलोचना सिहाग, हितेश कंबोज, विमला तरड़, कमलेश राय, इंटक प्रधान दारा सिंह वर्मा, देशराज सरपंच, दिलबाग हुड्डा, मास्टर नरेश, साधुराम पातन, अशोक बोत, सोनू, लंकेश, प्रेम शर्मा, महिपाल, रामनिवास शर्मा, सुबे सिंह पुनिया, जाकिर हुसैन, सतबीर, रोहित, वजीर गिल, रामकुमार, अमरजीत जानी, चतर सिंह मलिक, बलजीत, पार्षद साधुराम सिले, सुभाष वर्मा, शीशपाल मुंड, भजनलाल, शिवानी, राजेंद्र खान, डॉ. राजेंद्र लांबा, महिपाल सोरखी, एडवोकेट धर्मपाल घनघस, धर्मपाल गोंदली, सुरेश प्रजायेपति सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
Reviewed by PSA Live News
on
6:16:00 pm
Rating:


कोई टिप्पणी नहीं: