पवित्र कार्तिक मास के पहले शनिवार को श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में 900वां खिचड़ी महाभंडारा सम्पन्न
1400 भक्तों ने ग्रहण किया खिचड़ी महाप्रसाद, राँची में गूंजा “गोविंदा गोविंदा” का जयघोष
राँची। पवित्रतम् कार्तिक मास के प्रथम शनिवार, 11 अक्टूबर को दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर, राँची में अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ 900वें खिचड़ी महाभंडारे का आयोजन सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। नगर के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालु—बच्चे, युवा, वृद्ध, स्त्रियाँ और पुरुष—सभी परात्पर ब्रह्म परमात्मा भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर के दिव्य दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर उपस्थित हुए। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह तक “गोविंदा गोविंदा, वेंकट रमणा गोविंदा, भवभय हरणा गोविंदा” के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा।
भक्तों ने अपने परिवारजनों, मित्रों और संबंधियों के साथ मंदिर परिसर में स्थित ब्रह्मारूद्र-इन्द्रादि सेवित बलिपीठम् और गरूड़ ध्वज (परम स्थान) के समक्ष साष्टांग प्रणाम कर परिक्रमा की। इस दौरान वातावरण में भक्ति, सौम्यता और दिव्यता का अद्भुत संगम देखा गया।
दर्शन के पश्चात भक्तों ने श्रद्धा के साथ खिचड़ी महाप्रसाद ग्रहण किया। लगभग 1400 श्रद्धालुओं ने इस दिव्य महाभंडारे में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण कर आध्यात्मिक तृप्ति का अनुभव किया।
इस बार खिचड़ी महाप्रसाद निवेदन का सौभाग्य श्री विकास शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रूचिता शर्मा (राँची निवासी) को प्राप्त हुआ। उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर के श्रीचरणों में भक्ति एवं कृतज्ञता से भरा यह अर्पण समर्पित किया।
मंदिर के अर्चक गणों ने विधिपूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर का मंगल आरती, तुलसी अर्चना, पुष्पांजलि एवं नैवेद्य कर खिचड़ी महाप्रसाद अर्पित किया। इसके पश्चात भक्तों को प्रसाद वितरण प्रारंभ हुआ।
मंदिर के सेवकगण एवं स्वयंसेवक दल ने भंडारे की व्यवस्था को अत्यंत सुव्यवस्थित बनाया। सभी भक्तों ने शांति, अनुशासन और श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण किया।
इस आयोजन को लेकर मंदिर परिसर में पूरे दिन आध्यात्मिक वातावरण बना रहा। भक्तों का कहना था कि कार्तिक मास में खिचड़ी महाप्रसाद का सेवन अत्यंत शुभ एवं पुण्यकारी माना गया है।
मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में यह खिचड़ी भंडारा पिछले कई वर्षों से निरंतर जारी है, और यह अब अपने 900वें चरण में पहुँचा है, जो भक्तों की अखंड आस्था और निरंतर भक्ति का प्रतीक है।
इस अवसर पर राँची नगर के अनेक श्रद्धालु, समाजसेवी और भक्तजन उपस्थित थे।
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Reviewed by PSA Live News
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8:10:00 pm
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