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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के महासचिव राजयोगी ब्रजमोहन भाई जी का निधन, राँची में श्रद्धांजलि सभा एवं ब्रह्मभोजन का आयोजन


राँची।
 आध्यात्मिक जगत को गहरी श्रद्धा और प्रेरणा देने वाले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महासचिव राजयोगी ब्रह्मकुमार ब्रजमोहन भाई जी का हाल ही में देहावसान हो गया। उनके पवित्र स्मरण में आज ब्रह्माकुमारियों के स्थानीय सेवा केंद्र चौधरी बगान, हरमू रोड, राँची में विशेष ब्रह्मभोजन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्रह्मावत्सों तथा आध्यात्मिक साधकों ने उपस्थित होकर भ्राता जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

आध्यात्मिक सेवा और सादगी के प्रतीक थे ब्रजमोहन भाई जी

श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि —

“ब्रह्मकुमार ब्रजमोहन भाई जी ने अपना पुराना शरीर त्यागकर अब परमपिता परमात्मा की गोद में स्थान पाया है। उनका जीवन सेवा, सादगी, और समर्पण का अद्भुत उदाहरण रहा। उन्होंने अपने हर कार्य से संस्था के सिद्धांतों को जीवंत किया।”

निर्मला बहन ने बताया कि भाई जी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे, परंतु अध्यात्म में गहरी रुचि होने के कारण उन्होंने भौतिक जीवन की सीमाओं को त्यागकर 1955 में ब्रह्माकुमारियों संस्था से जुड़ाव स्थापित किया। राजयोग मेडिटेशन सीखने के उपरांत उन्होंने यह निर्णय लिया कि उनका जीवन अब केवल मानव कल्याण और विश्व शांति को समर्पित रहेगा।

1973 में उन्होंने फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में वित्त प्रबंधक (Finance Manager) के पद से त्यागपत्र देकर पूर्ण रूप से संस्था से जुड़ने का निर्णय लिया। उस समय का यह निर्णय समाज में त्याग, विवेक और निष्ठा का उदाहरण बन गया।

संस्थान के स्तंभ और विश्व स्तर के प्रवक्ता

ब्रह्मकुमार ब्रजमोहन भाई जी राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान फाउंडेशन के सचिव और ब्रह्माकुमारियों की एपेक्स कमिटी के सदस्य रहे। साथ ही उन्होंने संस्थान के अकाउंट विभाग के प्रमुख के रूप में वर्षों तक आर्थिक पारदर्शिता और अनुशासन की मिसाल पेश की।

वे विश्व के अनेक देशों में संस्था का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, संगोष्ठी और आध्यात्मिक सभाओं में उन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होकर भारतीय संस्कृति, आत्मिक जागृति, और विश्व बंधुत्व का संदेश दिया।
उनका संबोधन सदैव गहन आध्यात्मिकता और व्यावहारिक जीवन दर्शन का संगम होता था — सरल शब्दों में गूढ़तम सत्यों की व्याख्या उनकी विशेषता रही।

गीता ज्ञान में गहरी निष्ठा और लेखन से प्रेरणा

भाई जी को भगवद् गीता से अत्यंत लगाव था। वे अक्सर कहा करते थे —

“गीता में जीवन का सम्पूर्ण सार समाया हुआ है। जब प्रत्येक व्यक्ति इस ज्ञान को समझेगा, तभी आत्मिक जागृति और आध्यात्मिक एकता का युग आएगा।”

उनके अधिकांश प्रवचन गीता ज्ञान और कर्मयोग के सिद्धांतों पर आधारित रहते थे। वे एक लोकप्रिय प्रेरक वक्ता, लेखक और प्रसारक के रूप में भी जाने जाते थे। उनकी लेखनी और वाणी दोनों में ज्ञान, बुद्धि और मधुर हास्य का अद्भुत संयोजन था, जिससे हर वर्ग के लोग उनसे सहजता से जुड़ जाते थे।

श्रद्धांजलि में उमड़ा भावनाओं का सागर

राँची सेवा केंद्र में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों ने कहा कि ब्रजमोहन भाई जी के सान्निध्य में बिताए क्षण संस्था की अमूल्य धरोहर हैं। वे केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि सच्चे योगी, सरल हृदय और करुणामयी आत्मा थे।

कार्यक्रम के अंत में सामूहिक राजयोग ध्यान रखा गया, जिसमें सभी ने उनके आत्मकल्याण और विश्व शांति के लिए मौन साधना की।

भाई जी का जीवन रहेगा प्रेरणा स्रोत

संस्था से जुड़े सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा —

“राजयोगी ब्रजमोहन भाई जी जैसे व्यक्तित्व विरले ही जन्म लेते हैं। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को सेवा, सत्य और शांति के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता रहेगा।”

ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने श्रद्धा के साथ कहा कि भाई जी की शिक्षाएँ अब भी हर साधक के हृदय में जीवित हैं — वे सदा प्रेरणा बनकर संस्था और समाज को दिशा देते रहेंगे।


✿ ओम् शान्ति ✿
(संवाददाता – PSA Live News, राँची)



प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के महासचिव राजयोगी ब्रजमोहन भाई जी का निधन, राँची में श्रद्धांजलि सभा एवं ब्रह्मभोजन का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के महासचिव राजयोगी ब्रजमोहन भाई जी का निधन, राँची में श्रद्धांजलि सभा एवं ब्रह्मभोजन का आयोजन Reviewed by PSA Live News on 10:59:00 am Rating: 5

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