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हरि प्रबोधिनी एकादशी पर होंगे कयी अनुष्ठान । मंत्र , वाद्य और मंगल विधान से भगवान को जगाया जाएगा


रांची। 
दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में 01 नवम्बर शनिवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की हरिप्रबोधिनी एकादशी व्रत मनाये जायेंगे । इस अवसर पर चार माह से शयन कर रहे श्रीहरि को   - *उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद उत्तिष्ठ गरूड़ध्वज । उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमंगलं कुरू ।* । आदि  विभिन्न प्रकार मंत्रादि उपचार पूर्वक जगाया जायेगा । फिर नित्याराधन संपादन होगा तथा   भगवान् और भगवती महालक्ष्मी समेत सभी प्रतिष्ठापित विग्रहों का महाभिषेक कराया जायेगा और श्रृंगार,महाआरती एवं  नैवेद्य भोग के बाद स्तुति तथा तदियाराधन होगा । भक्तों में  फलाहारी महाप्रसादम् बँटेगा ।

 

 प्रबोधिनी  एकादशी महात्म्य -

प्रबोधिनी का महात्म्य पाप का नाश ,पुण्य की वृद्धि तथा उत्तम बुद्धि वाले भक्तों को मोक्ष प्रदान करने वाला है। भक्ति पूर्वक उपवास कर लेने पर मनुष्यों को हरि प्रबोधिनी एकादशी ऐश्वर्य , संपत्ति ;उत्तम बुद्धि, राज्य तथा सुख प्रदान करती है। मेरु पर्वत के सामान जो बड़े-बड़े पाप है, उन सबको यह पाप नाशिनी प्रबोधिनी एक ही उपवास से भस्म कर देती है। प्रबोधिनी एकादशी का मन से ध्यान करते हैं तथा जो इसके व्रत का अनुष्ठान करते हैं उनके पितर नरक के दुखों से छुटकारा पाकर भगवान श्रीहरि विष्णु के परम धाम को चले जाते हैं ।

हरि प्रबोधिनी एकादशी पर होंगे कयी अनुष्ठान । मंत्र , वाद्य और मंगल विधान से भगवान को जगाया जाएगा हरि प्रबोधिनी एकादशी पर होंगे कयी  अनुष्ठान । मंत्र ,  वाद्य और मंगल विधान से भगवान को जगाया जाएगा Reviewed by PSA Live News on 5:48:00 pm Rating: 5

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