राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं
जमशेदपुर। माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज श्रीनाथ विश्वविद्यालय, जमशेदपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में विशेष उत्साह देखने को मिला।
अपने संबोधन में राज्यपाल महोदय ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के निरंतर परिश्रम, अनुशासन और दृढ़ संकल्प का प्रतीक होता है। यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अर्जित ज्ञान का उपयोग केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित न रखें, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी अपना सक्रिय योगदान दें।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक दायित्व को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि चरित्र, मूल्य और समाज के प्रति उत्तरदायित्व ही व्यक्ति को सच्चे अर्थों में सफल बनाते हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों की भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे यूजीसी द्वारा निर्धारित सभी मानकों का पूर्ण रूप से अनुपालन करें, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें तथा उच्च स्तर का अकादमिक अनुशासन बनाए रखें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से सशक्त, सक्रिय और प्रभावी प्लेसमेंट तंत्र विकसित करने पर विशेष बल दिया, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को बेहतर और सम्मानजनक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि शिक्षा, उद्योग और समाज के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने उद्योगों के साथ समन्वय बढ़ाने, शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने तथा विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक दायित्वों के निर्वहन पर भी विशेष बल देते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर किंतु प्रतिभावान विद्यार्थियों को सहयोग प्रदान करना, छात्रवृत्ति योजनाओं को बढ़ावा देना तथा आसपास के क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागिता निभाना विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
राज्यपाल महोदय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को इसके उद्देश्यों को आत्मसात करते हुए नवाचार, कौशल विकास, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता से जुड़ी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें और देश के विकास में निर्णायक भूमिका निभा सकें।
दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति, शिक्षकगण, अभिभावक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन गरिमामय वातावरण में राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ हुआ।
Reviewed by PSA Live News
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3:33:00 pm
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