ओ.एस.जी.यू के लॉ छात्रों ने जानी देश की न्यायिक प्रक्रिया; सुप्रीम कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट का किया भ्रमण
हरियाणा हिसार: राजेश सलूजा। ओम स्टर्लिंग ग्लोबल विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज’ ( विधि विभाग) के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण के तहत भावी वकीलों ने देश के सर्वोच्च न्यायालय और तीस हजारी जिला न्यायालय, दिल्ली का भ्रमण कर भारतीय न्याय प्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. पुनीत गोयल ने अपना संदेश देते हुए कहा, "कानून की पढ़ाई में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव का होना अनिवार्य है। यह भ्रमण छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा और उन्हें एक सक्षम अधिवक्ता बनने की प्रेरणा देगा।" वहीं, प्रो-चांसलर डॉ. पूनम गोयल ने विद्यार्थियों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा, "हमारा प्रयास है कि ओम स्टर्लिंग के छात्र न केवल डिग्री प्राप्त करें, बल्कि वे देश की न्याय व्यवस्था को समझने वाले प्रबुद्ध नागरिक और पेशेवर बनें। ऐसे अनुभव उनके आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।" इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उन्हें अदालती कामकाज की वास्तविकता से रूबरू कराना था। विद्यार्थियों ने अदालत की दैनिक कार्यवाही, न्यायाधीशों और वकीलों की भूमिका, तथा न्याय प्रक्रिया की बारीकियों को गंभीरता से समझा। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने सिविल और क्रिमिनल मामलों की लाइव कार्यवाही देखी। उन्होंने देखा कि कैसे दोनों पक्षों के बीच बहस हुई और कानून के सिद्धांत असल जिंदगी में कैसे लागू किए जाते हैं। वविद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एन पी कौशिक, प्रति कुलपति डॉ राजेंद्र सिंह छिल्लर व रजिस्ट्रार डॉ सत्यवीर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ में से न्यायपालिका एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। छात्रों द्वारा देश की सर्वोच्च अदालत और जिला न्यायालयों की कार्यप्रणाली को देखना उनके करियर की नींव को मजबूत करेगा और उन्हें एक जिम्मेदार अधिवक्ता बनाएगा। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को विश्वस्तरीय और व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दौरा उसी दिशा में एक अहम कदम है, जिससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा है। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञ उनके साथ उपस्थित रहे। इनमें हिसार बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश सिहाग और तीस हजारी कोर्ट के मानद सचिव एडवोकेट विकास गोयल ने छात्रों को कोर्ट की प्रक्रिया समझाई। इसके अलावा, विश्वविद्यालय की ओर से डीन डॉ. नीलम सिहाग, एडवोकेट सचिन गोयल और स्कूल ऑफ लॉ के सहायक प्रोफेसर एडवोकेट केशव ने भी छात्रों का नेतृत्व किया।
विद्यार्थियों ने प्रतिक्रिया में कहा कि यह अनुभव उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा, जिससे उन्हें अपने अकादमिक ज्ञान को व्यावहारिक समझ में बदलने का मौका मिला।
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